गरूर ए शान से उठता है सर जब उसके आगे 2line attitude shayari ,

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गरूर ए शान से उठता है सर जब उसके आगे 2line attitude shayari ,
गरूर ए शान से उठता है सर जब उसके आगे 2line attitude shayari ,

गरूर ए शान से उठता है सर जब उसके आगे 2line attitude shayari ,

गरूर ए शान से उठता है सर जब उसके आगे ,

गोया नाखुदा से बढ़के भी कोई आदम ए हौआ हुआ है ।

 

कुदरत की सब नैमतें हैं जिसकी, दिन शाम ओ सेहर जिसका है ,

एक मिटटी का पुतला है इन्शान जाने किस गुमानी में जाके ठहरा है ।

 

ज़र्रा ज़र्रा रोशन है नाख़ुदा के दम से ,

वही एक शान ए हामी है जो सब कुछ मिटा भी सकता है ।

 

मंदिर में न मस्जिद में न गुरुद्वारेबाइबिल में ,

अगर देखना है नाख़ुदा की रहमत तो हर बन्दे में देखो ।

 

जाने किस मौज ए साहिल की तलास में था मन ,

जाने क्या अब तलक मिला ही नहीं ।

 

तूफ़ानी लहरों से खेलना बुरी बात नहीं ,

बेख़ुदी में साहिल पर चलने में भी क्या जोख़िम कम है ।

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तुम्हारे कदमो के निशान लहरों पर हमने देखे हैं ,

मौज ए साहिल से निशान आज फिर चूम कर निकली ।

 

इब्न ए इंसान अगर मरीज़ ए दाना है ,

सबके ऊपर नाखुदा है सबका दानीश्वर

 

रात की तन्हाइयों में जब खुद से बात होती ही ,

नाखुदा की रहमतों का ही ज़िक्र होता है ।

 

कभी बन्दों से नहीं पूछता हाल ए दिल की रज़ा क्या है ,

जिस कश्ती का नहीं माझी उसको भी किनारे पर ले ही आता है ।

 

आतिश ए दिल को आफ़त में करके ,

हमने क़यामत कर दी इश्क़ ए नाख़ुदा को ख़ुदा करके ।

 

जाने किस दौर ए मोहब्बत की बात करते हैं ,

गोया सूरत ए आदम था बस आदमी कहीं था ही नहीं ।

 

खत जो समझे माह रु ए शानी क़ासिद ,

बाज़ सी पैनी नज़र पकड़ में ग़ुलदार सा खूंखार होना चाहिए ।

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एक बला सी ताज़गी थी उसके चेहरे पर ,

इश्क़ में लुट कर भी जनाज़े सब के लूट गया ।

 

नम आँखों में बोकर के फसल ए गुल ,

ताप और दाब भी समताप होना चाहिए ।

pix taken by google