कब्रों में सोये पड़े मुर्दों का कफ़न झाँक कर देखो funny shayari ,

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कब्रों में सोये पड़े मुर्दों का कफ़न झाँक कर देखो funny shayari ,
कब्रों में सोये पड़े मुर्दों का कफ़न झाँक कर देखो funny shayari ,

कब्रों में सोये पड़े मुर्दों का कफ़न झाँक कर देखो funny shayari ,

कब्रों में सोये पड़े मुर्दों का कफ़न झाँक कर देखो ,

बुझा कर ख़ाक ए बदन अपना बीज कोई पौधा बन रहा है ।

 

ज़माल ए यार की खासियतें क्या बयान करें तुम्हे ,

महज़बीन इतना की चाँद शरमाये , शबनमी इतना की ज़मीन प्यासी मर जाए ।

 

मीनारों के गुम्बदों से मज़हबों का पता नहीं चलता ,

वो तो शंख और अज़ाने हैं जो इबादतों में फर्क बतला देती हैं ।

 

दूर से झाँक लेता था आशियाना हमारा ,

आज कल उसका उसके घर में कोई ठौर नहीं है

dosti shayari 

क़यामत से पहले की क़यामत रखूँ ,

ये आफ़त ए इश्क़ का नाम ख़ुदा की रहमत रखूँ ।

 

दुनिया बड़ी अनजान थी इब्न ए इंसान के वास्ते ,

उम्र ए दराज़ हुयी उस्ताद हो गया

 

परों की परवाज़ मत पूछो ,

ये बताओ आसमानी ऊँचाइयों की औक़ात क्या है ।

 

मगरूर माँसपेशियों में गज़ब की अकडन है ,

थक के चूर है बदन ज़हन में सिहरन है ।

 

दिखा दो आइना ये दौर ए वक़्त का तकाज़ा है ,

की हर चेहरे के चेहरे पर परत दर परत ग़रूर ए गर्द बैठी है ।

 

जुमलो के फाँके बस वक़्त ज़ाया है,

ये दौर ए मुफ़लिश बस कारगुज़ारी माँगता है ।

 

सियासी तारीफ़ी का पुल बाँधने से पहले ,

उन नदियों पर बाँध बनवाओ जहाँ से तैर कर बच्चे स्कूल जाते हैं ।

 

दिल के रिश्तों में ऐसा होता है ,

कहीं आग लगती है कहीं धुँआ उठता है ।

 

कहीं चोंट लगती है ,

कहीं आह का फुवां उठता है ।

 

ज़िन्दों से तर्क़ ओ ताल्लुक़ नहीं रखते ,

ये सियासी चील कौए बस मुर्दों के बदन को नोच खाते हैं ।

 

थकते नहीं थे जो कभी डींगे बघारते ,

शख्सियत बदल गयी मियाँ सत्ता सम्हालते

 

चाँद तारे भी शब् ए बरात में हो रहे शामिल ,

इश्क़ प्यासा है ज़माल ए यार है क़ातिल

sad shayari

तेरी शख्सियत के जैसा यहाँ कुछ भी नहीं ,

बस तेरे मुताल्लिक़ चाँद सादा सादा है  ।

 

बर्क़ न कर दबी कब्रों पर ,

तेरी शख्सियत से दबी रूहें मचल जाएँगी ।

pix taken by google