lesbo twins erotic horror story in hindi ,
मुंबई एक्सप्रेस हाइवे ब्लैक रंग की जगुआर १४० की स्पीड से दौड़ी जा रही थी की तभी अचानक कार में ब्रेक लगता है , और कार हाइवे से लगी सड़क पर दौड़ने लगती है , की अचानक गाडी की हेड लाइट के सामने कुछ ऐसा दिखाई देता है जो नहीं दिखना चाहिए था सामने दो नग्न युवतियां एक लड़के का मांस बुरी तरह से नोच नोच कर खा रही थी और वो युवक अभी ज़िंदा है कार की लाइट्स पड़ते ही दोनों युवतियां पास की झाडी में कूद जाती हैं , और हड़बड़ाहट में कार भी खाई में जा गिरती है , जिसमे बैठे ३ सदस्य की मौका ए वारदात में ही मौत हो जाती है , मगर उनमे से एक शख्स बच जाता है जो इस घटना के बाद से मानसिक रूप से विक्षिप्त हो जाता है और पुलिस को बयान में घटना की विस्तृत जानकारी नहीं दे पाता है , साक्ष्यों की कमी और कोई पुख़्ता प्रमाण के न मिलने के कारण पुलिस केस को बीच में ही क्लोज़ कर देती है ,
cut to ,
मुंबई यूथ फेडरेशन क्लब नाम का एन जी ओ है जो बना तो बेसहारों लोगों के सहारा के लिए है मगर ये चलता कहाँ है किसी को कोई पता नहीं हाँ इसका एक बहुत बड़ा ऑफिस ज़रूर बांद्रा के एक पॉस इलाके में बना है दिन भर बड़े बड़े नेता मथानी और महानगर की जानी मानी हस्तियों का तांता लगा रहता है , अभी इसी एन जी ओ में नारायण की नए नयी नयी नियुक्ति हुयी है , साउथ इंडियन है इसीलिए उसके एक्सेंट में साउथ का का टच झलकता है , लूसी और रूबी दो जुड़वाँ बहने हैं जो ज़्यादातर रहती तो खार रोड में हैं मगर उनकी आशिकी के किस्से विरार से लेकर चर्चगेट तक फेमस हैं , ऐसा शायद ही कोई नौजवान होगा जिसका दिल लूसी और रूबी के लिए न धड़कता हो , कम्बख्त चीज़ ही ऐसी हैं , इत्तेफ़ाक़ से नारायण भी खार रोड में ही रहता है और बाइक से हर रोज़ बांद्रा ऑफिस आता है , सन्डे के दिन नारायण अ मार्केट शॉपिंग करने गया था तभी उसकी मुलाक़ात लूसी और रूबी से होती है , नारायण उन दोनों को देखकर अनदेखा कर देता है , मगर लूसी की पैनी नज़र से बच नहीं पाता है , दोनों बहने नारायण को देखकर चिल्ला पड़ती है और पास आकर कहती है व्हाट ए प्लेजेंट सरप्राइज़ नारायण तुम यहां खार रोड में हम भी यहीं रहते हैं नारायण कहता है हाँ मैं भी यही रहता हूँ लूसी पूछती है किस सोसाइटी में फ्लैट लिया हैं तुमने नारायण कहता है जानकी अपार्टमेंट में , अरे जानकी अपार्टमेंट में सामने अक़्सा गैलैक्सी में हमारा फ्लैट है आओ कभी हमारे रूम में कॉफी साफी होगी गप्प सप्प करेंगे शर्मीले मिजाज़ का नारायण जी हाँ कहता हुआ मुंडी नीचे किये हुए चुपचाप चलता रहता है ,
मगर इस झुकी हुयी मुंडी किसी विजयी योद्धा की नहीं हुश्न के हांथों घायल योद्धा की थी , वो भी उम्र के नाज़ुक दौर में होना भी लाज़िम है और हुआ भी वही , रूबी के इश्क़ में नारायण पूर्णतः गिरफ्तार था , और रूबी भी उसे दिल ओ जान से चाहने लगी थी मुलाक़ातें नज़दीकियों में बदली और फिर वही रोज़ का मिलना जुलना देर रात की पार्टियां कभी रात रूबी और लूसी के रूम में गुज़रती तो कभी कभी लूसी और रूबी खुद नारायण के रूम में चली आती , दोनों की मोहब्बतों के चर्चे एन जी ओ का बच्चा बच्चा जानता था , मोहब्बत में आलम इस क़दर का हो गया था की दवारजे से जाते हैं और खिड़की से निकलते हैं , वो बर्फ पे चलते हैं हम आग में जलते हैं , इसी तरह रूबी और नारायण की मोहब्बत परवान चढ़ती गयी , मगर जिस चीज़ की तलब नारायण को थी वो बात अब तक हो नहीं पायी थी , एक दिन नारायण और रूबी लॉन में आमने सामने बैठे आँखों ही आँखों में अश्लील हरकतें कर रहे थे , तभी रूबी क्या हुआ नारायण आज तुम्हारी नीयत बदली बदली लग रह है रात भर सोये नहीं क्या , और जीब दिखा कर उसे चिढ़ाने लगती है तभी रूबी की गर्दन पकड़ कर नारायण उसके होंठ चूमने लगता है की अचानक लूसी आ जाती है जिसके कारण दोनों का प्रेमालाप बीच में ही रुक जाता है लूसी के जाते ही रूबी कहती है तुम्हे क्या चाहिए मैं अच्छी तरह से समझती हूँ , मगर क्या करूँ हर वक़्त लूसी मेरे साथ रहती है , जिसे अलग करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है , रूबी कहती है मेरे दिमाग में एक प्लान है क्यों न हम पिकनिक मनाने लोनावला के किले में चलें हम साथ में एक दो लड़के और लेलेगे ताकि लूसी को कंपनी मिल जायेगी और हम हमारा हॉलिडे अपने तरीके से एन्जॉय करेंगे , नारायण ओके बेबी डन बोल कर चला जाता है ,
ऑफिस में नारायण की लूसी और रूबी से दोस्ती के किस्से मशहूर होने लगे थे हर एक शख्स यही समझता की बहुत कमीनी चीज़ हैं दोनों जो एक बार चंगुल में फसा वो आज तक बच के निकल नहीं पाया , नारायण देखने में तो मासूम था मगर था हरामी वो भी लूसी और रूबी की नीयत को अच्छी तरह से समझता था एक शाम जब नारायण टॉयलेट से निकल रहा था , तभी रूबी ने आँखों ही आँखों में कुछ इशारा किया जिस पर वॉचमन की नज़र पड़ गयी वो नारायण को बोला दिन दहाड़े तो कम से कम बख्स दिया कीजिये ये तो पब्लिक प्लेस है नारायण उसे फटाक से जवाब दिया तू अपने काम से काम रख वॉचमन है वॉचमन की तरह रहा कर खैर नारायण की दपट पड़ते ही वॉचमन अपने काम में लग जाता है ,
cut to ,
रात के ११ बज चुके हैं नारायण आज ऑफिस से लौटते वक़्त दोस्त के साथ मूवी देखने चला जाता है , तभी उसके सामने से एक तेज़ रफ्तार एस यू वी कट मारते हुए गुज़रती है जिससे नारायण की बाइक लड़खड़ाकर रोड से नीचे उतर जाती है , गुस्से में नारायण एस यू वी वाले को गाली देता है जिसे उसका दोस्त गाली देने से रोक देता है और कहता है मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट हैं , रात में ऐय्यासी करने के लिए निकलते हैं नारायण दोस्त को उसके घर में ड्राप कर सीधा अपने फ्लैट की तरफ निकलता है तभी रास्ते में वही एस यू वी उसे रुकी हुयी दिखती है मगर कार के हिलने की आहत से ऐसा महसूस होता है की जैसे कार में कोई है , नारायण बाइक रोक कर चुप चाप कार में हो रही एक्टिविटीज पर नज़र गड़ा लेता है , लगभग १५ मिनिट बाद कार का गेट खुलता है जिसमे से दो लड़के और दो लडकियां निकलते हैं , लडकियां लूसी और रूबी होती है और एक लड़का मेडिकल कॉलेज से रेस्टीकेट किया हुआ जयकिशन अर्थात जैकी रहता है दूसरा उसी का फ्रेंड कम ड्राइवर ज़्यादा जैकी के टुकड़ों पर पलने वाला राजू रहता है , चारों रोड में ही अश्लीलता की हदें क्रॉस करते हुए आपस में गले मिलते हैं , जैकी रूबी को अपने आगोश में लेकर ऊपर से नीचे तक हाँथ फेरने लगता है और राजू वही हरकत लूसी के साथ करता है , अपने मोहब्बत को दुसरे की बाहों में खेलता हुआ देख कर नारायण के तन बदन में आग लग जाती है , कुछ देर की मस्ती के बाद कार में सवार लड़के वहाँ से चले जाते हैं , और नशे की हालत में लूसी और रूबी भी फ्लैट की ओर चलना सुरु करती हैं , तभी नारायण की बाइक पीछे से आकर रूकती है रूबी और लूसी पलट कर देखते है नारायण को देखते ही रूबी अचानक नारायण से लिपट जाती है और कहती है नारायण माय लव माय जान माय स्वीट हर्ट कहाँ थे तुम कितना तड़पाते हो तुम मुझे मैं तुम्हारे बिना बेचैन हो जाती हूँ , तभी नारायण कहता है तुमने शराब पी है , और आज ऑफिस भी नहीं आई थी , लूसी कहती है हम फील्ड देखते हैं एन जी ओ लिए नयी साइट देखने गए थे डॉक्टर जयकिशन के साथ , नारायण ओह तभी शराब चढ़ा रखी है , रूबी कहती है शराब नहीं डफर वाइन कहो , तुमसे तो कुछ होता ही नहीं है अगर हम किसी और के साथ चले भी गए तो तुम्हे क्यों जलन होती है लूसी कहती है आशिक़ है तुम्हारा तुम्हे किसी और के साथ देखकर बर्दास्त नहीं कर पाता है बेचारा , नारायण कहता है ऐसा कुछ नहीं , है तभी रूबी अपना हाँथ नारायण के पेंट की ज़िप के ऊपर रख देती है और आँखों में आँखे डालकर कहती है क्या है क्यों झूठ बोलते हो तुम मुझसे प्यार नहीं करते हो , नारायण रूबी के स्पर्श से परम आनंद की अनुभूति करता हुआ कहता है हाँ नहीं , रूबी एक बार पुनः ज़िप पर हथेलियों का दबाव बढाती हुयी क्या हाँ हाँ नहीं नहीं लगा रखे हो चलो घर जाओ अब रात बहुत हो चुकी है घर पहुंचते ही वीडियो कॉल करो मुझे बहुत मिस करती हूँ मैं तुम्हे , और इतना कह कर सभी अपने अपने घर चले जाते हैं ,
फ्लैट पर पहुंचते पहुंचते रात के १२ बज चुके होते हैं बिस्तर पर अकेला लेटा नारायण करवटें बदल रहा था , वो सोच रहा था रूबी को कॉल करू या न करूँ बड़ी हिम्मत करके नारायण एक हल्का सा मिस्ड कॉल मारता है , तभी रूबी की तरफ से दानादन कॉल आने सुरु हो जाते हैं किसी तरह नारायण फोन उठाता है रूबी कहती है मेरा बेबी कुचुमुचु अभी सोया नहीं मेली याद आरही है मेले बाबू को , नारायण कहता है ऐसा कुछ नहीं है , रूबी कहती है तुम टेंशन मत लो तुम्हे भी वो सब मिलेगा जो जैकी को आज मिला है नारायण पूछता है क्या किया जैकी ने आज तुम्हारे साथ रूबी कामुकता भरी आवाज़ में कहती है मत पूछो क्या क्या नहीं किया उसने हमारे साथ नारायण रूबी की मदमस्त बातों से उत्तेजित हो जाता है तभी बाजु से लूसी के हसने की आवाज़ सुनायी देती है रूबी कहती है जोश में आगया है बेचारा लगता है अंडरवियर गीली करेगा , लूसी कहती है करने दो नारायण सब कुछ समझ जाता है मगर कामाग्नि में जलता हुआ चाहकर भी फोन काट नहीं पाता है , तभी नारायण एक प्रपोजल रखता है रूबी के सामने क्यों न मैं और तुम नेक्स्ट संडे कहीं बाहर घूमने चलें , रूबी कहती है सॉरी बेबी मैं तो मेरा भी बहुत है तुम्हारे साथ आउटिंग का मगर क्या करूँ मैं बिना लूसी के कहीं नहीं जा सकती , नारायण पूछता है ऐसा क्या है लूसी में तभी लूसी रूबी की जांघो में हाँथ फेरती हुयी रूबी को चूमना सुरु कर देती है , रूबी अपने होठों को दाँतों से काटती हुयी सीत्कार भरती हुयी कहती है यही तो तुम समझ नहीं सकते हो जान और गुड नाईट बोलकर फोन काट देती है , और लूसी के साथ आलिंगन में व्यस्त हो जाती है इधर नारायण बार बार फोन करता रहता है , रूबी की नज़र बार बार फोन की तरफ पड़ती है तभी लूसी उसके होठों को अपने होठों की गिरफ्त में लेकर लॉक कर देती है और फेस को अपने नुकीले पंजों की गिरफ्त में ले लेती है ,
cut to ,
शाम का मौसम बड़ा रूमानी हो रहा था तभी नारायण की नज़र पार्क के एक कोने में पड़ी जहां लूसी जैकी के पालतू दोस्त राजू की गर्दन में बाहें डालकर कह रही थी , राजू मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ , तुम मुझसे कब शादी करोगे , राजू कहता है शादी वादी के झमेलों में मैं नहीं पड़ने वाला बेबी , जस्ट एन्जॉय और भूल जाओ रात गयी बात गयी और धक्का देता हुआ राजू वहाँ से चला जाता है , उसकी ये बातें नारायण सुन लेता है वो लूसी के पास जाता है , और उसे सांत्वना देता है लूसी कसकर उसके गले से लिपट जाती है और नारायण के मरदाना जिस्म से खेलना सुरु कर देती है लूसी के कोमल अंगों का स्पर्श पाकर नारायण का भी मन भटकने लगता है मगर तभी नारायण लूसी को अपने शरीर से अलग करता है , और दोनों बाइक लेकर वहाँ से निकल पड़ते हैं , बाइक में पीछे बैठी लूसी अश्लील हरकतें करने से बाज़ नहीं आती वो नारायण को कसकर पकड़ लेती है और शर्ट की बटन खोलकर उसके सीने में हाँथ और अपने स्तन नारायण की पीठ पर रगड़ती हुयी कहती है कैसा महसूस हो रहा है नारायण कहता है इट्स ओके लेकिन तभी उसका हाँथ और नीचे की तरफ बढ़ता है नारायण कामांध में जल रही लूसी का हाँथ पकड़ लेता है , और उसे आगे बढ़ने से रोक लेता है लूसी नाराज़ होकर गाड़ी से उतरती और हाँथ पैर पटकती जाने क्या क्या बड़बड़ाती पैदल ही घर की तरफ बढ़ जाती है , और फ्लैट के अंदर पहुंचते ही रूबी को सारी घटना से अवगत कराती है रूबी लूसी का फेस अपने तरफ फेरती है और होठों पर होठ रखकर जिस्म पर हथेलियों को घुमाने लगती है और कान में कहती है डोंट बी स्केयरड बेबी नेक्स्ट संडे बुलाते हैं न नारायण को भी अपनी पार्टी में फिर देखते हैं कैसे बचता है बच्चू , तभी नारायण का कॉल आता है रूबी के फोन में रूबी बड़ी नज़ाक़त के साथ फोन उठाती है नारायण लूसी और राजू के बीच हुयी वार्तालाप का सारा वृत्तांत रूबी को बताता है रूबी कहती है तुम तो जानते हो डिअर लूसी किस तरह की लड़की है खैर ये बताओ नेक्स्ट संडे को तुम आरहे हो न हमारे साथ , नारायण कहता है हाँ हाँ क्यों नहीं मगर चलना कहाँ है रूबी वही लोनावला के किला के खंडहरों में वहाँ कोई आता जाता नहीं है , नारायण ओके डन बोलकर फोन रख देता है,
संडे मॉर्निंग सुबह ४ बजे रूबी का कॉल नारायण के फोन पर आता है , नारायण का फोन साइलेंट में था , रूबी लगातार १० कॉल करती है मगर फिर भी नारायण फोन नहीं उठाता है , और जब नारायण की आँख खुलती है सुबह के ९ बज चुके होते हैं , नारायण रूबी के १० मिस्ड कॉल देखता है तो हड़बड़ा जाता है वो फ़ौरन रूबी को फोन लगाता है , रूबी एक बार में फोन नहीं उठाती है मगर दूसरी बार में फोन उठा लेती है और नारायण को कहती है यू डफर तुम सो रहे थे अभी तक एक हम तो लोनावला पहुंच चुके हैं नारायण कहता है सॉरी बेबी मैं सो रहा था , ओके अपन नेक्स्ट संडे का प्लान बनाते हैं डन मैं ज़रूर चलूँगा तुम्हारे साथ , रूबी डाटती हुयी कहती है नेक्स्ट संडे का क्या मतलब होता है ओनली ६१ किलोमीटर है यार डेढ़ घंटे में पहुंच जाओगे फ़ौरन अपनी बाइक उठाओ कम ऑन डूड नारायण ऊँघता हुआ ओके बेबी कहता है लूसी कहते है क्या हुआ आ रहा है तेरा आशिक़ रूबी कहती है मुझे तो नहीं लगता की वो आएगा इधर फोन काटने के बाद नारायण के दिमाग में हवश की भूख सवार थी , वो अपने आपको रोक नहीं पाता है और फ़ौरन लोनावला के लिए प्रस्थान करता है , लगभग १ घंटे २५ मिनिट में वो लोनावला पहुंच जाता है , और आखिर वो ढूढ़ते धाड़ते पहुंच ही जाता है किला के खंडहरों में मगर वो वहां पहुंच कर रूबी और लूसी को सरप्राइज़ देना चाहता है,
वो छुपकर खंडहर के अंदर का नज़ारा देखने में लग जाता है तभी उसकी नज़र दीवाल के एक कोने पर पड़ती है जहां रूबी और जयकिशन उर्फ़ जैकी अर्धनंग अवस्था में काम क्रीड़ा में लगे थे की अचानक एक भयानक चीख से किले का खण्डहर गूँज उठता है। तभी दोनों हाँथ खून से सने और मुँह में मांस का लोथड़ा लिए हुए रूबी वापस पलटती है , उसके मुँह में खूंखार भेड़िये वाले दांत उग गए हैं , अपने फटे हुए पेट की अंतड़ियों को समेटते हुए जैकी किले के बाहर की और भागता है मगर तभी रूबी की लपलपाती जीभ लम्बी होकर जैकी की गर्दन से लिपट जाती है , और तभी छूटती है जब जैकी के जिस्म में हरकत होना बंद हो जाती है ,
अभी कुछ ही सेकंड पहले जैकी की लाश नारायण के सामने गिरी थी की तभी नारायण को चीख सुनायी देती है वो छुपते छुपाते खंडहर के उस हिस्से में पहुँचता है जहां लूसी राजू को अपनी आगोश में लिए हुए थी राजू अपनी जान की भीख मांग रहा था मगर वो बेरहम हसीना किसी कीमत में उसे ज़िंदा छोडने के मूड में नहीं थी , अभी राजू लूसी के क़दमों पर पड़ा गिड़गिड़ा ही रहा था , की दुसरे पल लूसी उसका मुँह अपने मुँह से लगाती है और उसकी ज़बान खींच कर फलक के फानूस से उसे फांसी पर लटका देती है , तभी रूबी भी वहां आजाती है और दोनों खून से लतपथ जिस्म आपस में लिपट जाते हैं और एक दूसरे से आलिंगन में खो जाते हैं , तभी मौका पाकर नारायण वहाँ से भाग निकलता है , किसी तरह गिरते पड़ते बाइक तक पहुँचता है , और इसके बाद सीधा मुंबई पूना एक्सप्रेस हाइवे पकड़कर मुंबई पहुंच जाता है , खून का कतरा कतरा चूसने के बाद जैकी और राजू के जिस्म को लूसी और रूबी कार में रख कर लोनावला की पहाड़ियों में फेंक देती है , और वहां स टैक्सी पकड़ कर सीधा मुंबई पहुंच जाती हैं , न्यूज़ पेपर में छपती है लोनावला में हुआ बड़ा हादसा सड़क हादसे में जली कार में मिली दो जली लाशें जिनकी नहीं हो पायी शिनाख्त इसी के साथ बाद सब नार्मल हो जाता है , इस घटना के बाद नारायण तुरंत लूसी और रूबी का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर देता है और एन जी ओ की जॉब छोड़ देता है। और खार रोड से सीधा वर्ली शिफ्ट हो जाता है।
the end ,
story in flashback ,
जिस वक़्त नारायण लोनावला के क़िले से भागा था उस जगह पर बाइक के निशान देखकर रूबी समझ गयी थी की नारायण यहां आया था , और उसकी कुटिल मुस्कान के साथ कैमरा ज़ूम आउट हो जाता है।
pics taken by google ,