हुश्न को हिज़ाब और को चाँद माशूक बता रखा है romantic shayari,

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हुश्न को हिज़ाब और को चाँद माशूक बता रखा है romantic shayari,
हुश्न को हिज़ाब और को चाँद माशूक बता रखा है romantic shayari,

हुश्न को हिज़ाब और को चाँद माशूक बता रखा है romantic shayari,

हुश्न को हिज़ाब और को चाँद माशूक बता रखा है ,

ज़ालिम ज़माने ने शायर को आफताब बना रखा है ।

 

खार कितने थे इश्क़ ए दरिया में ,

अक़्स देखा तो रूह ज़ार ज़ार हुयी ।

 

अब तो ख्यालों में भी पैबंद लगे अरसे हुए ,

वो गया था कभी दिल से इजाज़त लिए बगैर ।

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तुम अंदाज़ ए मोहब्बत समझो न समझो ,

हम पैग़ाम ए वफ़ा लिखते रहेगे तहरीरों से इजाज़त लेकर ।

 

लूट ली नज़रें तेरी , मेरी इजाज़त लिए बग़ैर ,

दिल सौदाई बना तकता रहा गिला शिकवा किये बग़ैर

 

दिन में तकिये तले सुबुक लेती हैं ,

शब् ए ख़्याली को उजालों में मचलने की इजाज़त जो नहीं ।

 

रात की करवटों से टूटती अकडन ,

दिन के उजालों में खिले चंद गुलाबों से मुस्कुराने लगी ।

 

उठती नहीं है रात चरागों के ज़ोर से,

फिर उजालों के वास्ते सवेरा नया करें ।

 

फ़क़त इज़हार करने के लिए इश्क़ के दावे नहीं होते ,

सूखा है दरिया इश्क़ का सूखा ही रहने दो ।

 

बाँट सकते हो तो बाँटो मुर्दे क़फ़न वाले ,

ज़मीन से आस्मां तक आब ओ हवा ज़ख़्मी दिलों में पड़ गए छाले ।

2 line attitude shayari 

जीने के लिए कौन जीता है मोमिन ,

साँसों का आना जाना बस मुर्दा होने नहीं देता

 

बेखुद कर जाते हैं सुख़नवर तेरे जादू वाले ,

गोया मरीज़ ए दाना का इलाज़ ज़माने में एक बस तू ही नहीं ।

 

ले लिया बहुत उम्दाह शायरी का मज़ा ,

अब सुख़नवर में ज़ख़्मी रूहों के दर्द को पिरोने दो ।

 

इंसानियत के आड़े कोई मज़हब न आये ,

आओ सब मिलकर के ऐसा हिंदुस्तान बनायें ।

 

कब तक तू जियेगा कल तो हम भी मर ही जायेंगे ,

इंसानियत के वास्ते ही इमदाद कर लें ।

 

वादियों में फैला दूर तक मातम ए सन्नाटा है ,

कल वहीँ कहकशाँ सजते थे रात देर तलक

 

सदियों से तरासा पत्थर मूरत ही रहा ,

फिर तुझे कैसे दो पल में मोहब्बत ए मुजस्सिम कह दूँ ।

pix taken by google