न तर्क न ताल्लुक़ न मुतअल्लिक़ ए जज़्बात whatsapp status,

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न तर्क न ताल्लुक़ न मुतअल्लिक़ ए जज़्बात whatsapp status,
न तर्क न ताल्लुक़ न मुतअल्लिक़ ए जज़्बात whatsapp status,

न तर्क न ताल्लुक़ न मुतअल्लिक़ ए जज़्बात whatsapp status,

न तर्क न ताल्लुक़ न मुतअल्लिक़ ए जज़्बात ,

बस जबरन में दिल पे मालिकाना हक़ जता दिया ।

 

मेरी रूह के सीने में तेरी यादों के खंज़र हैं पैबस्त ,

बस मैं जी रहा हूँ पल पल दम घुट रहा है हर पल ।

 

पत्थरों के शहर का बस आलम यूँ ही रहा ,

सांस लेती रही दीवारें भीतर इब्न ए इंसान घुटता रहा ।

ravana is still alive a true ghost horror story ,

कहने को आदम ए खुल्द है सारा जहां आजकल ,

बस एक ताज़ा रूह की खातिर कहीं कोई पनाह नहीं है ।

 

रूह को रूह में सिमटने की प्यास रहती है ,

जिस्म जिस्मों में रूह ए सुकून तलाश करता है ताउम्र रूहें बदहवास रहती हैं ।

 

बात जब रूह की रूह से खामोशियों से होती है ,

गोया तामीर ए ग़ज़ल फ़िज़ाओं में सरगोशियों से होती है।

 

जिस्म मिटटी का एक उम्र तक ढल जायेगा ,

रूह फिर रूह है बन्दे की नेक नीयत का नाम छोड़ जाएगी ।

 

ज़मीन पर फलक से उतरे हैं चाँद सितारे ,

आज शब् ए बज़्म हुश्न ए यार का सज़दा करने ।

 

एक आखिरी सिंगार की ज़रुरत है ,

रूह निकली है सरे शाम रूह से मिलने ।

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वस्ल की रात है रूहों का फ़साना है हरसू ,

फिर कोई शाम ए ग़ज़ल होगी हुश्न ए मुजस्सिम के सदके ।

 

मेरे हम दम से ही पूछो मेरा हाल ए नशेमन यारों ,

मैं कहीं खुद में ही खो जाता हूँ दीदा ए यार के बाद में यारों ।

 

इश्क़ की गहराइयों में डूबकर देखो ,

साहिलों से तहे दिल का अंदाज़ा नहीं होता ।

 

तहरीर ए वक़्त सी है मोहब्बत भी ,

रूबरू ए यार सज़दे होते हैं बाद में खुद की खबर नहीं होती ।

 

तेरा साया जो हरपल रहबर बनकर साथ रहता है मेरे ,

बाद तेरे तेरी मौजूदगी का एहसास दिलाता है मुझे ।

 

कुछ ऐसा है जो ज़िंदा रहने का एहसास बनाये रखता है ,

जिस्म में सिमटी रूहों तक तेरा लम्स जगाये रखता है ।

pix taken by google

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