दिल ए फ़ितना की अना तेरे कूचे में अदा कर आये romantic shayari ,

0
987
दिल ए फ़ितना की अना तेरे कूचे में अदा कर आये romantic shayari ,
दिल ए फ़ितना की अना तेरे कूचे में अदा कर आये romantic shayari ,

दिल ए फ़ितना की अना तेरे कूचे में अदा कर आये romantic shayari ,

दिल ए फ़ितना की अना तेरे कूचे में अदा कर आये ,

एक शाद ए मोहब्बत की चाह में हम खुद को फ़नाह कर आये ।

 

शाद ओ ग़म कुछ भी मुक़म्मल नहीं ज़माने में ,

सोज़ ए दिल को क्या रुस्वा करना ।

 

झील में जुगनुओं ने चाँद तारों की बारात सजा रखी है ,

चाँद खुद चलकर ज़मीन पर आने को आमादा है ।

bhoot ki kahani

हर एक मौसम में तुम ही तुम बसते हो ,

ये वादी ए मिजाज़ ये अब्र ओ शहर ऐसा तो न था ।

 

दिल ए फ़रेबी से लुटा है हर फ़क़ीर यहाँ ,

हो गया फ़क्कड तर्क़ ओ ताल्लुक को तरजीह किये बग़ैर ।

 

फ़क़ीर एक मुद्दे की बात कहता है ,

ख़ुदा के दर पे आया है तो ख़ाली जा नहीं सकता ।

 

इंसान को समझा नहीं बुतों में ख़ुदा ढूढ़ा किया ,

पत्थरों के शहर में आदम राह ए फ़क़ीरी में मरा किया ।

 

मोहब्बतों का सगूफ़ा दीनार नहीं ,

ख़ुलूस ए दीदा ए यार में बस उम्रें गुज़ारी जाती हैं ।

 

बेतक़ल्लुफ़ था तेरा आना मेरे कूचे पर ,

यूँ नाज़ुक ख्याली में ज़हमत तो उठाया न करो ।

 

है जिन्हें शौक़ महले दो महले क्या मीनारें खड़ी करवाएँ ,

हमें बस ज़ौक़ ए बादाकशी है यार के कूचे में मरने दो।

 

जो कहते हैं मैक़दे में इबादत नहीं होती ,

गोया घर बैठे रक़ीबों को याद करना छोड़ दें ।

 

इश्क़ न सही तिज़ारत तो न कर ,

तेरे कूचे से गुज़रा हूँ , तगाफुल किये बग़ैर ।

 

किताबों पर वर्क़ पोशीदा करने से होगा क्या ,

तहरीर ए ज़हन पर तेरा ही ज़िक्र ए वफ़ा होता है ।

 

रात की तन्हाइयों में हर शाद बदल जाते हैं ,

छेड़े कोई भी साज़ छेड़े कहीं यहाँ हर राग बदल जाते हैं ।

 

कुछ लफ्ज़ थे भूले भटके ,

आज फिर याद आये तो दिल ए शाद हुआ ।

love shayari 

शाद ए वजह भी मिल गयी होती ,

तुम जो मिल गए होते ज़िन्दगी मिल गयी होती ।

pix taken by google