vintage horror comedy story in hindi chudail ki mohabbat ,

1
1975
vintage horror comedy story in hindi chudail ki mohabbat ,
vintage horror comedy story in hindi chudail ki mohabbat ,

vintage horror comedy story in hindi chudail ki mohabbat ,

चंद्र प्रकाश शास्त्री उर्फ़ चंदू नाम कौन नहीं जानता है ,गाँव मेड़ी में क्या इलाके भर ऐसा कोई ही शायद हो जो चंदू के कारनामो से अवगत न हो चंदू और उसकी चंडाल चौकड़ी के कारनामे विश्व विख्यात है , एक दिन ऐसे ही दोस्तों के साथ आम के बगीचा में गप्पियाते जाने कहाँ कहाँ के ज्ञान विज्ञान के चमत्कार खुलने सुरु हुए , चंदू का एक दोस्त है भोंदू ने बताया भालू बहुत कामुक जानवर होता है , वो महिलाओं के साथ सम्भोग के पश्चात उन्हें मार डालता है , तभी चंदू ने कहा तुमको कौन बताया बे की भालू इतना सेक्सी होता है तुम्हारे चाचा गए रहे जंगल में लोटा लेके , तभी एक दूसरा दोस्त छगनू बोलता है भालू सेक्सी वैक्सी नहीं होता है , वो आदमी के ऊपर तब तक ताबड़तोड़ हमला करता है जब तक की आदमी के सर का एकउ बाल हिलना न बंद होइ जाए , तीसरा मित्र है ददई इन सब की बातें ददई आराम से सुन रहा था , तभी चंदू बोल पड़ा तुमहू कुछ ज्ञान बघारोगे दादईया महराज सब के सब तो ज्ञान पे ज्ञान पेले पड़े हैं , ददई कहता है हम ज्ञान पेलेंगे नहीं हम चुड़ैल को पटायेंगे , उसका मंत्र हमको हमारे बुआ के ससुराल वाले फूफा के ताऊ ने बताओ है ,

चंदू तपाक से बोला और क्या बताया तेरे ताऊ ने , ददई बोलता है उन्होंने तो बहुत कुछ बताया है मगर मैं तोहे ऐसे न सब कुछ बतई हौं कछु खर्चा करैं का पडी तोहीं , चंदू बोलै तेन मोसे बाद मा मिल , सब दोस्त वहाँ से चले जाते हैं , रात के दो बजे ददई के फोन में चंदू की फोन की रिंग बजती है , ददई अधखुली आंखोंसे फोन की तरफ देखता है , मगर उसकी हिम्मत फोन उठाने की नहीं होती है , वो फोन रिंग काट के सो जाता है , तभी एक बार फिर चंदू का फोन आता है , ददई फोन उठाता है और बोलता है इतनी रात गए तोहीं का हो गओ चंदू फुसफुसाता हुआ बोलता है , का बताओ ते तोरे ताऊ ने मोहे बता न , तैं जो कहिहै मैं तोहें वो खबाउब ददई कहता है तैं काल मिल मोहे अबे सोबैं दे , और फोन साइलेंट में रख कर सो जाता है , इसके बाद चंदू कई बार ददई का फोन टॉय करता है , मगर कोई जवाब न मिलने पर थक कर वो भी सो जाता है ,

Mohabbat shayari ,

सुबह सात बजते ही चंदू ददई के घर आ धमकता है , ददई दरवाज़ा खोलता है अंदर से ददई के माँ की आवाज़ आती है ,

को आये मोड़ा बिहन्ने बिहन्ने ददई बोलता है कोऊ न अम्मा वो हमार दोस्त आये ददई , ददई की माँ बोलती कौनौ काम धाम न है तुम लोगन का दिन भर मटर गस्ती कभू कभार खेतवा कैत भी चले जाया करो , धान पाकी है , कहूँ गोरु बछेहु न चर जाए ददई बोलता है हओअम्मा , तभी चंदू बोलता है तो हे काल का वादा याद है न , तो चल बता मोहें ददई बोलता है पहले मुखारी कुल्ला करैं देहै चंदू बीच में ही बोल देता है तैं साथ चल मोरे तलबा माँ कर लए मुखारी कुल्ला , दोनों घर से निकल लेते हैं , ददई की माँ भीतर बड़बड़ाती रहती है , कछु न होवैगो इन लड़कन के या उमिर माँ ता ददई के बाप चार चार ठे लड़का पैदा कई दिहे रहे ।

cut to ,

तालाब आते ही ददई फ़ौरन तालाब की तरफ दौड़ लगा देता है , चंदू बोलता है तैं आराम से मुखारी मंजन कर ले मैं तोरे खातिर , गुड़ की कड़ी और नमकीन लै के अउथों , कुछ देर बाद चंदू नास्ते का सामान लेकर आता है , थोड़ी देर में ही ददई भी पहुंच जाता है दोनों , तालाब में बैठे नमकीन और गुड़ की कड़ी का आनंद उठा रहे होते हैं , तभी चंदू बोलता है अब मोहे का बतावत रहे तैं रात के मोहे बता , चन्दू बोला कछु ख़ास न है फूफा कहत रहे कहूँ से चुड़ैल के बाल का इंतज़ाम हो जाए तो फिर का है वो तुम्हरी गुलाम , जाजा तुम चाहा वो करी वा तुम्हरे खातिर , चंदू बोला इतनी सी बात मगर या चुड़ैल मिलही कहाँ ददई बोला उहै ठाकुर के आमा के बगीचा मा , मगर हम चुड़ैल का पहिचानब कइसन के , ददई बोलता है ताऊ बतावत रहे चुड़ैल पेड़ माँ उल्टा चढ़ी सिर नीचे पैर ऊपर , बस तैं तबहिन बाल काट लए ओखर , चंदू बोला जे बात आजै रात के हम धाबा बोलब , अमवा के बगीचा मा फिर क्या था रात होते ही चंदू अकेले ही लोटा लेके निकल पड़ा आम के बगीचा की तरफ , साथ में उसके पास लोहे का एक चक्कू भी था ।

पेड़ की आड़ में बैठे बैठे घंटो गुज़र गए थे , मगर चुड़ैल क्या कोई कुत्ते का बच्चा भी नहीं आया , अंततः थक हारकर चंदू घर आ गया , चंदू रात भर बस एक खूबसूरत परी के ख़्वाब में खोया सपने ही देखता रहा , सुबह जब आँख खुली तो सूरज आसमान पर चढ़ चुका था, अम्मा बाहर से आवाज़ दे रही थी , कौनौ सहूर न है या लड़का का बाप रात भर खेतवन मा पानी लगाउथै और बिटवा दुपहरिया भर सोउथै , खैर माँ की बातों को अनदेखा कर चंदू उठकर अपनी दिनचर्या के काम में लग जाता है , और एक बार फिर शाम होते ही , आम के बगीचे में चक्कू लिए चुड़ैल के इंतज़ार में बैठ जाता है , मगर कोई चुड़ैल वुङैल नहीं दिखाई देती है , कई दिन गुज़र जाते हैं , एक दिन चंदू के बाप को खेती के काम से शहर जाना पड़ता है और लौटते समय उनका पैर टूट जाता है जिसके कारण वो खेत में जाने में असमर्थ हो जाते हैं और इस लिए खेत में बसने का काम चंदू को मिल जाता है , फिर क्या था चंदू के मन से धीरे धीरे चुड़ैल को फ़साने इरादा का ख़त्म हो जाता है , अब वो काम धंधे में ध्यान देने लग जाता है , धीरे धीरे रात में खेत ताकने की ज़िम्मेदारी चंदू के सर पर आजाती है , अब चंदू रोज़ खेत में बसने लगता है , एक रात चंदू खेत के मचान पर लेटा चाँदनी रात में चाँद में किसी खूबसूरत अप्सरा के चेहरे के बारे में सोच रहा था की , तभी उसके कानो में छन् छन् की आवाज़ सुनायी देती है , वो आश्चर्य के साथ नीचे देखता है एक बहुत ही खूबसूरत लड़की खड़ी दिखाई देती है ,

2line attitude shayari ,

वो उस लड़की से पूछता है कौन हो इतनी रात में यहां कैसे , वो कहती मैं माधौ की छोरी आहों रात में बाबू के साथ खेतवा

मा बसै का हमार काम है उन्ही कछु दिखाय नहीं भाई परदेस चला गा है , जाने कब लौट के आई , तोरे लघे माचिस ही का रात माँ ठण्ड पडत ही अलाव जलाइहौं , चंदू कहता है हाँ है न मोरे लघे माचिस , वो ट्यूब वेल वाले कमरे से माचिस निकालने के लिए मचान से उतरता है , वो लड़की भी उसके पीछे पीछे मचान तक चली जाती है जहां बल्ब की रौशनी के प्रकाश में उस लड़की की खूबसूरती देखकर चंदू उस पर मंत्रमुग्ध हो जाता है , वो बस उस लड़की को ही देखता रह जाता है , वो लड़की बोलती है अइसन काहे घूरत हो बाबू कबहू लड़की नहीं देखे का , चंदू उसकी बात सुनकर हड़बड़ा जाता है , और तुरंत माचिस उसके हाँथ में दे देता है , माचिस पाते ही वो लड़की वहां से चली जाती है , अब रात भर चंदू के दिमाग में बस उस सुन्दर युवती का यौवन घूमता रहता है , जाने कब उसकी आँख लग जाती है और जब आँख खुलती है , सूरज की रौशनी उसके चेहरे पर पड़ती है , आज चंदू बहुत खुश था ।

दिन भर दोस्तों के साथ मटरगस्ती करने के बाद आज शाम से ही चंदू खेत जाने के लिए उतावला हो रहा था , खाने की पोटली साथ में लेकर वो रोज़ खेत जाता था आज उसने माँ से कहा की ४ रोटी और धर दे मोहे बहुत भूख लागत ही रात मा , माँ ४ रोटी तरकारी और एक भेली गुड़ साथ में बाँध के पोटली चंदू को थमा देती है , गाँव से जाते समय चंदू बनवारी की दूकान में पान खाया करता है , आज उसने एक पान खाया एक लगवा के रख लिया , और खेत की और रवाना हो गया , खेत पर जाते ही वो मचान पर चढ़ गया और इधर उधर टिमटिमटिमाते बल्ब के अलावा कुछ नहीं दिखाई दे रहा था , काफी देर बाद , पायल की छम छम सुनायी देती है चंदू समझ जाता है हो न हो वही लड़की है , तभी वो लड़की पास में आती है और बोलती है सुनते हो हमारे ट्यूब वेल का स्टार्टर खराब हो गओ है तनिक पानी दे दोना एक बाल्टी रात में प्यास लगती है , चंदू उस लड़की को बोर चला कर एक बाल्टी पानी देता है , और पानी लेकर जब वो लड़की जाने लगती है , तो बोलता हैं सुनो न मैं तुम्हारे लिए रोटी भी लेके आया हूँ चंदू के इस प्यार भरे अनुरोध का वो लड़की विरोध नहीं कर पाती है , और दोनों साथ में रोटी खाते हैं , चंदू उसे पान भी देता है मगर वो मना करती है बोलती है बाबू का कहेगे तो चंदू बोलता है बोल देना मेरे बापू ने पान दिया है खाने को , और पान खाने के बाद वो लड़की वहाँ से चली जाती है ।

horror story in hindi with moral,

जब वो जाने लगती है तब चंदू सहमी हुयी आवाज़ में पूछता है तैं कालौ अइहे न , मैं तोहे रोज़ पान खबाईहौं मीठा वाला

वो लड़की वहां से मुस्कुराती हुयी चली जाती है , चंदू का कोमल मन उस लड़की के कोरे कोरे यौवन पर सम्मोहित हो जाता है , अब हर रात का यही किस्सा था , वो लड़की हर रोज़ चंदू के पास आती दोनों में प्यार बढ़ता गया , अब चंदू रोज़ उसके साथ रात रात भर प्यार भरी बातें करने लगा था ,धीरे धीरे वो इतने करीब आने लगे थे की पहले चुम्बन फिर आलिंगन बात इससे भी आगे बढ़ चुकी थी , गले जब लगती थी वो लड़की तब उसकी कुटिल मुस्कान बहुत ही भयानक हुआ करती थी , कई बार उसने चंदू के गले पर अपनी बाहों का कसाव बढ़ाया था जिसके कारण चंदू को घुटन महसूस होने लगती थी ऐसा लगता था की जैसे वो लड़की चंदू को मारना चाहती है , वो हर तरह से चंदू की सेवा के लिए तैयार रहा करती थी ,

धीरे धीरे वो लड़की लड़की चंदू पर विवाह का दबाव बनाने लग जाती है , एक रात जब चंदू उस लड़की से बात कर रहा था तब उसकी नज़र उस लड़की के पैर की तरफ पड़ी जहां एड़ी क जगह पंजा और पंजे की जगह एड़ी थी , चंदू ये देख कर हैरान रह जाता है , मगर बड़ी समझदारी से वो लड़की अपने पैर ढँक लेती है , और चंदू की तरफ मधुर मुस्कान बिखेरती हुयी , वहाँ से चली जाती है , उस लड़की के हाव भाव से चंदू को अब लगने लग गया था की ये कोई साधारण लड़की नहीं है , और एक रात जब वो उस लड़की के लिए पान लेकर आया और पान की पुड़िया , उस लड़की को देने लगा लगा तो वो लड़की उससे दूर भागने लग गयी , वो आज चंदू के साथ बिस्तर में बैठने को भी तैयार नहीं थी , और जल्दी ही वहाँ से भाग गयी , चंदू ने इस बात को बड़ी संजीदगी से लिया और जब पान की पुड़िया खोला तो जिस पुड़िया में पान लपेटा था . उसमे भगवत गीता के कुछ श्लोक लिखे हुए थे , चंदू समझ गया ये लड़की नहीं इससे दूरी बनाने में ही भलाई है , दुसरे दिन वो अपने साथ एक छोटी से गीता की किताब भी लेकर आने लगा , अब वो लड़की आती तो ज़रूर मगर चंदू से दूरी बनाकर रहती अब वो धीरे धीरे चंदू कतराने लगी थी , और कुछ दिन बाद वो चंदू के पास आना पूरी तरह से बंद कर देती है । अब चंदू समझ गया था की हो न हो ये आम के बगीचे वाली ही चुड़ैल है जो उसके पीछे पड़ गयी थी , इस घटना के बाद वो कसम खाता है , की ज़िन्दगी में कभी किसी चुड़ैल के पीछे नहीं भागेगा ।

pics taken by google ,