अली के बजरंगबली हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहज़ीब motivational stories in hindi,

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अली के बजरंगबली हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहज़ीब motivational stories in hindi,
अली के बजरंगबली हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहज़ीब motivational stories in hindi,

अली के बजरंगबली हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहज़ीब motivational stories in hindi,

दोस्तों ये कहानी सत्य घटना पर आधारित एक ऐसे गाँव की है जहां जात पात धर्म मज़हब से बढ़कर एक इंसानियत का

मज़हब सर्वोपरी है , जहां आज भी हिन्दू दुल्हन के लिए श्रृंगार का सामान जहूर बहू ही लेकर आती है , ये गाँव आर्थिक

दृष्ति से भी काफी पिछड़ा है , यहां के मुस्लिम वर्ग का प्रमुख व्यवसाय खेती , बीड़ी बनाना मुर्गी और बकरी पालन है

शायद ही कोई मुस्लिम आज तक कोई सरकारी नौकरी पाया हो , यहां प्रायः बेहना समुदाय के मुस्लिम ही हैं इन्ही के

नाम पर एक मुस्लिम तालाब है जिस पर बहुत प्राचीन बजरंग बली का मंदिर है , जोकि हमारी गंगा जमुनी तहज़ीब को

प्रदर्शित करता है , शायद ही आज तक कभी इस मंदिर को लेकर कोई हिन्दू मुस्लिम विवाद हुआ हो , यही रहते हैं हमारे

महंत जी , बचपन से ही बजरंग बली के भक्त और बचपन से ही वो इस मुस्लिम तालाब पर स्थित मंदिर में पूजा अर्चना

किया करते थे , अब हुआ यूँ की महंत जी बड़े हुए , भगवान् का दिया उनके पास सबकुछ था , हँसता खेलता परिवार

गाँव मेडी में इज़्ज़त , सब उनको मस्त मौला महंत कहते थे , महंत जी के मन में आया की क्यों न इस मुस्लिम तालाब

की मिटटी के गिलावे से बनी मंदिर को पक्की ईंट गारे की मंदिर में तब्दील करवा दिया जाए ,

bhutiya kahani,

महंत जी ने पैसा इकठ्ठा करना सुरु कर दिया पूरे जार जुगाड़ में लग गए की मंदिर बनवाना है , दरवाज़ा खिड़की सीमेंट

ईंटा सबका बंदोबस्त हो गया अब महंत जी ने अपने मन की बात गाँव की पंचायत के समक्ष रखी , सबने कहा हाँ भाई

ठीक ही है मुस्लिम तालाब में हिन्दू मंदिर हमारे गंगा जमुनी तहज़ीब को प्रदर्शित करती एक मिसाल बनेगी , मगर

मुस्लिमों के बुज़ुर्ग को ये बात नागवारा गुज़री उन्होंने साफ़ मना कर दिया इस पर जब हिन्दू पांचों ने पुछा क्या समस्या

है आपको हम बजरंगबली को दूसरी जगह स्थापित किये दे रहे हैं , तब मुस्लिम बुजुर्ग ने बोला मंदिर हमारे तालाब में है

तो इसे हम ही पक्की करवाएंगे , आपको बनवाना है तो आप दूसरी मूर्ती मगवा कर दूसरी मंदिर बनवाइए , सभी पंचों

और हिन्दू मुखिया लोगों ने सर्वसम्मत से यह निर्णय लिया की महंत जी की मंदिर बनवाने की इच्छा अवश्य पूरी की

जाए , उसके लिए उसी मुस्लिम तालाब के सामने ज़मीन की व्यवस्था की गयी , और सबने मिलकर एक भव्य मंदिर का

निर्माण करवाया , साल बीता मगर मुस्लिम तालाब की मंदिर जस की तस थी , फिर पंचायत बैठी मुस्लिम समुदाय से

पूछा गया भाइयों मंदिर कब बनवाओगे अब तो महंत जी की मंदिर भी बन गयी , और हमारे बजरंग बली आज भी उस

मुस्लिम तालाब की कच्ची मिटटी के मंदिर में है वो जाने कब गिर जाए इस पर एक मुस्लिम बुज़ुर्ग ने कहाँ की भाइयों

अपनी हैसियत के हिसाब से हमने मंदिर के लिए पैसा इकठ्ठा कर लिया है , मगर फिर भी कुछ कोर कसर न रह जाए

इसलिए अभी तक हम मंदिर बनाने की पहल नहीं कर पा रहे थे , तो हिन्दू मुखिया ने बोला आप काम सुरु करवाइये ,

बाकी हम देख लेंगे इस तरह हिन्दू मुस्लिम दोनों के सहयोग से मुस्लिम तालाब पर पुराने मंदिर की जगह एक भव्य

बजरंग बली का मंदिर बनवा दिया गया , इसी मंदिर के सामने पहले एक कुआं था जो पूरी तरह से सूख चूका था , अब

वहाँ पंचायत ने हैंडपंप लगवा दिया है , मंदिर के सामने बहुत बड़ा मैदान है जहां सभी हिन्दू मुस्लिम के बच्चे आज भी

क्रिकेट खेलते हैं , इसी गाँव से सटा एक दूसरा गाँव भी है जहां होली का त्यौहार हिन्दू मुस्लिम साथ में मनाते हैं , और

यही उर्स के के भव्य मेले का आयोजन होता है जहां हिन्दू मुस्लिम एकता देखने को मिलती है ।

साँझा चूल्हा

pix taken by google