ज़िन्दगी तेरी चाकरी से थक गया हूँ मैं quotes life hindi,

0
1719
ज़िन्दगी तेरी चाकरी से थक गया हूँ मैं quotes life hindi,
ज़िन्दगी तेरी चाकरी से थक गया हूँ मैं quotes life hindi,

ज़िन्दगी तेरी चाकरी से थक गया हूँ मैं quotes life hindi,

ज़िन्दगी तेरी चाकरी से थक गया हूँ मैं ,

एक मुश्त तनख्वाह के एवज में जाने कितनी किश्तें चुका रहा हूँ मैं ।

 

ज़िन्दगी थक के सो रही है चारपाई में ,

जाने कितनी मेहनत मशक्कत में दिन बिताई है ।

 good night shayari

ज़मीन चीख़ रही है आसमान पुकार रहा है ,

कुछ रिश्ता है लहू का लहू से जो इंसानो में अब भी दिख रहा है ।

 

उड़ती उड़ती ख़बर थी की शहर गाँव हो गया ,

ऊंचे ऊंचे मकानों में छोटे कद के इंसान रह गए ।

 

सोचो हमारे नाक़ाम ए इश्क़ के इतने चर्चे हैं ,

गोया मोहब्बत क़ामिल मिलती तो परचम सीधा चाँद पर होता ।

 

अब तो घर की मुंडेरों पर भी गिद्ध मंडराने लगे हैं ,

लगता है बुत ओ मुजस्सिमो के शहर में इब्न ए इंसान की बू आने लगी है ।

 

माँ को आवाज़ लगाओ मौसी निकल आती है ,

तभी तो हिंदी की ज़बान में उर्दू भी मिल जाती है ।

 

चीटिंग विथ कैमरा सियासियों की अदाकारी है ,

जानती है परदे के पीछे का माज़रा क्या है ,

जो समझे हैं आवाम को अनाड़ी है ।

bhoot wali darawni kahaniya,

ख़्वाब तो बस ख़्वाब हैं ,

कभी शहर के अंधेरों में ग़ुम तो कभी गाँव की ताज़गी में मस्त ।

मदमस्त खिड़की के झरोखों से झाँकते चितवन ,

तो कभी आँगन के पलने में किलकारी मरता बचपन ।

कभी गर्द से बेहाल दरख्तों पर बैठे परिंदों का गूंगापन ,

तो कभी लहलहाती बेलों पर फुदकती चिड़ियों का कहकशाँ ,

ज़िन्दगी कब हुयी पूरी पता ही नहीं चला ,

गाँव की पगडंडियों में दौड़ता बचपन जाने कब शहर की पक्की सड़कों में चलते चलते थक के कुम्हला सा गया ।

दौड़ती ट्रैन की पटरियों से भी पाँव में छाले निकल आएंगे ,

जान दे देगी ज़िन्दगी थक के रफ़्तार से एक दिन ।

इसी प्लेटफॉर्म में किसी ट्रैन के आगे ,

इल्म ना था पनाह माँगेगी गाँव से एक दिन चाँद साँसों की मोहताज़ ज़िन्दगी ।

pix taken by google

Top post on IndiBlogger, the biggest community of Indian Bloggers