रिस रिस के गिर रही है चाँदनी चिलमन की ओट से sad poetry in english urdu ,
रिस रिस के गिर रही है चाँदनी चिलमन की ओट से ,
घायल है आज चाँद फिर नज़रों की चोंट से ।
मुमकिन है उन्हें भी होश आ जाये ,
दम ब दम मोहब्बतों में जो आहें भरते हैं ।
ख़ाक ए मुफ्लिशी में तो जीने से अच्छा है ,
हमारे इश्क़ में ही रईसी कर लो ।
एक तो फ़िज़ा हराम थी शहर ए गरीब के ,
उस पर तेरी ईनायत ए मोहब्बतों ने बर्बाद कर दिया ।
मेरे शहर में इंसान जुगाली करते हैं ,
मुँह में ज़बान पेट में दाँत रखते हैं ।
इश्तिहारों में किस्से इंसानो के नहीं छपते ,
सुना है आदम ए शहर में किसी जानवर ने आमद की है ।
दिल तो बस संगदिलों की सादगी पर मरता है ,
ज़िद पे आजाये क़ाफ़िर तो कहाँ मुंसिफ की सुनता है ।
ये अंदाज़ ए गुफ़्तगू वो मिजाज़ ए रानाई ,
ऐसी अदा पे तेरी दो जहान वार दूँ ।
मरने वाले मरते रहे ग़म कम न हुआ ,
जान पर जान जाती रही इश्क़ सा मरहम न हुआ ।
रात जन्नत सी सजा रखी है तूने पहलू में ,
दिन को क़ाफ़िला ए आदम ने जहन्नुम बना डाला है ।
बेख़ुदी में मेरा मैं ही मुझको लेता गया ,
मैं मेरे मैं ही खुद से तन्हा होता गया ।
मुब्तला ए इश्क़ में बर्बाद हो गया मैं ,
गोया हरफन मौला सा मिजाज़ अपना हर दिल अजीज़ था ।
अश्क़ों में बयान होता है नज़रों से बयान होता है ,
ग़म अगर दिल में हो मुस्कुराते चेहरों से बयान होता है ।
हमें तो शाद ओ ग़म ने मोहलत दे दी ,
ज़िन्दगी बेख़ौफ़ हादसों की दहशत गर्दी है और कुछ भी नहीं ।
हम तो अपने दिल के मेहमान हैं बस ,
शाद ओ ग़म ने तेरे धड़कनो में कब्ज़ा जमा के रखा है ।
वो बड़ी बड़ी नज़्में नहीं लिखता ,
शाद ओ ग़म बस नज़रों में बयान हुआ करता है ।
pix taken by google
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