रिस रिस के गिर रही है चाँदनी चिलमन की ओट से sad poetry in english urdu ,

1
1587
रिस रिस के गिर रही है चाँदनी चिलमन की ओट से sad poetry in english urdu ,
रिस रिस के गिर रही है चाँदनी चिलमन की ओट से sad poetry in english urdu ,

रिस रिस के गिर रही है चाँदनी चिलमन की ओट से sad poetry in english urdu ,

रिस रिस के गिर रही है चाँदनी चिलमन की ओट से ,

घायल है आज चाँद फिर नज़रों की चोंट से ।

 

मुमकिन है उन्हें भी होश आ जाये ,

दम ब दम मोहब्बतों में जो आहें भरते हैं ।

 

ख़ाक ए मुफ्लिशी में तो जीने से अच्छा है ,

हमारे इश्क़ में ही रईसी कर लो ।

 

एक तो फ़िज़ा हराम थी शहर ए गरीब के ,

उस पर तेरी ईनायत ए मोहब्बतों ने बर्बाद कर दिया ।

hindi shayari 

मेरे शहर में इंसान जुगाली करते हैं ,

मुँह में ज़बान पेट में दाँत रखते हैं ।

 

इश्तिहारों में किस्से इंसानो के नहीं छपते ,

सुना है आदम ए शहर में किसी जानवर ने आमद की है ।

 

दिल तो बस संगदिलों की सादगी पर मरता है ,

ज़िद पे आजाये क़ाफ़िर तो कहाँ मुंसिफ की सुनता है ।

 

ये अंदाज़ ए गुफ़्तगू वो मिजाज़ ए रानाई ,

ऐसी अदा पे तेरी दो जहान वार दूँ

 

मरने वाले मरते रहे ग़म कम न हुआ ,

जान पर जान जाती रही इश्क़ सा मरहम न हुआ ।

 

रात जन्नत सी सजा रखी है तूने पहलू में ,

दिन को क़ाफ़िला ए आदम ने जहन्नुम बना डाला है ।

 

बेख़ुदी में मेरा मैं ही मुझको लेता गया ,

मैं मेरे मैं ही खुद से तन्हा होता गया ।

 

मुब्तला ए इश्क़ में बर्बाद हो गया मैं ,

गोया हरफन मौला सा मिजाज़ अपना हर दिल अजीज़ था ।

 

अश्क़ों में बयान होता है नज़रों से बयान होता है ,

ग़म अगर दिल में हो मुस्कुराते चेहरों से बयान होता है ।

 

हमें तो शाद ओ ग़म ने मोहलत दे दी ,

ज़िन्दगी बेख़ौफ़ हादसों की दहशत गर्दी है और कुछ भी नहीं ।

sad poetry in urdu 2 lines 

हम तो अपने दिल के मेहमान हैं बस ,

शाद ओ ग़म ने तेरे धड़कनो में कब्ज़ा जमा के रखा है ।

 

वो बड़ी बड़ी नज़्में नहीं लिखता ,

शाद ओ ग़म बस नज़रों में बयान हुआ करता है ।

pix taken by google