ग़ालिब के सुख़नवर से वो ही ताल्लुक़ात रखते हैं one line thoughts on life in hindi,

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ग़ालिब के सुख़नवर से वो ही ताल्लुक़ात रखते हैं one line thoughts on life in hindi,
ग़ालिब के सुख़नवर से वो ही ताल्लुक़ात रखते हैं one line thoughts on life in hindi,

ग़ालिब के सुख़नवर से वो ही ताल्लुक़ात रखते हैं one line thoughts on life in hindi,

ग़ालिब के सुख़नवर से वो ही ताल्लुक़ात रखते हैं ,

मज़हब ए आईंन से हटकर जिन्हे इब्न ए इंसान कहते हैं ।

 

लाख उड़ लो आसमान की बुलंदियों में ,

ज़मीन पर गिरने वालों के नाम ओ निशान नहीं मिलते ।

 

फ़लक का आफताब महज़ आँखों का धोखा है ,

जलने दो चश्म ए चराग दिल के नशेमन में अभी अँधेरा है ।

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बुझा दो चराग़ कर दो अँधेरा की रोशनी से मुझे नफ़रत है ,

सूखा सके सैलाब आंसुओं के फ़लक के आफताब में कहाँ इतनी ताक़त है ।

 

ख़ार बनकर चुभती है आँखों में मोहब्बत तेरी ,

क्या लम्स ए बोसा की ख़ातिर तुझे महबूब कोई और कहीं मिलता नहीं।

 

जी हल्का है कलम भारी है ,

कागज़ों पर बिखरी इश्क़ ए तारी है ।

 

रात के भिगोने को खंगाला तमाम रात ,

कुछ यादों के मोती कुछ अनसुलझे सवालों के मिले मुझे जवाब ।

 

इश्क़ के फ़लसफ़े पेचीदगी में बयान होते हैं ,

गोया दिलों के तारों के सिलसिले दिलों तक सटीक जुड़े होते हैं ।

 

लगता था ज़िन्दगी न गुज़र पायेगी तेरे बिन ,

इल्म न था मौत भी पेचीदा हो जाएगी एक दिन ।

 

अब तो दीन ए इलाही से होगा क्या इश्क़ के मारे हैं साहेब ,

दिल ए कूचा से जो महबूब का नाम ओ निशान मिटा दे ऐसा मज़हब बनाइये ।

 

मैं उड़ता धुंआ हूँ तुझको भी अंधेरों में ले डूबूँगा ,

क्या अब भी कोई चाहेगा मेरी जद में आये ।

 

ढूढ़ते रह जाओगे अंधेरों में निशान अपने ,

लहू कितना भी सुर्ख हो उजाला कर नहीं सकता ।

 

ज़मीन पर रहने वालों के खुदा भी आसमानी होते हैं ,

फलक में उड़ने वाले परिंदों की नज़र में ज़मीन के दाना पानी होते हैं ।

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दिल के आले में जगह थी तो ऊपर का माला पूरा खाली था ,

क्या हाल बना डाला इश्क़ के कूचे में किस दर का तू सवाली था ।

pix taken by google

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