अधूरी चीख़ – भाग 2: चाँद की वापसी
अब ध्यान है आरव पर, जो भेड़िया की विरासत और इंसानी आत्मा के बीच फँसा है… आरव अब समझ चुका था कि
अब हम पहुँच चुके हैं कहानी की सबसे ज़बरदस्त स्टेज पर — जहाँ नीलभ और Experiment 13 (मनस्वी का बेटा) के
“अगर तुम लड़ने जाओ, तो याद रखना — आरुष भी किसी माँ की चीख़ है… जैसे तुम थे।”
इस एक पंक्ति से नीलभ का दिल दहल जाता है। वह तय करता है — “अगर आरुष को बचाया जा सकता है, तो मैं करूँगा। लेकिन अगर नहीं… तो उसे खुद से मिटाना होगा। नीलभ, जंगल के प्राचीन शिला-मंडप में आरुष को मिलने बुलाता है – जहाँ सदियों पहले भेड़िया कुलों की संधियाँ होती थीं। वह प्रस्ताव देता है:
“ताक़त से नहीं, संतुलन से राज करो।
हम साथ मिलकर अपनी जाति को रक्षक बना सकते हैं, विनाश नहीं।” पर आरुष हँसता है –
“तू अब भी चीख़ से भाग रहा है, नीलभ।
मैं चीख़ को पूरी करना चाहता हूँ… और इस दुनिया को सुनाना चाहता हूँ। चाँद का रक्त पूर्णिमा की रात। लड़ाई शुरू होती है – नीलभ और आरुष के बीच, और उनकी विचारधाराओं के बीच। पेड़ जलते हैं, नदी लाल हो जाती है, लेकिन सबसे ज़्यादा शोर… उस अधूरी चीख़ का है, जो दोनों के भीतर से निकलती है। अंत में – नीलभ, आरुष को हराता है। लेकिन उसे मारता नहीं। चौंकाने वाला मोड़: आरुष का सच हारने के बाद आरुष फुसफुसाता है:
“मैं अकेला नहीं हूँ… अधूरी चीख़ की जड़ें गहरी हैं… बहुत गहरी…”
और मरते समय, उसकी आँखें एक प्राचीन चिन्ह में बदल जाती हैं — “चंद्र-चक्र” — जो एक गुप्त पंथ का संकेत है, जो
“तुम्हारी चीख़ अधूरी है क्योंकि तुमने उसे बाँटना शुरू किया।
अब हम उसे पूरी करेंगे — पूरी दुनिया के शरीर में। लूनर शील्ड की लड़ाई नीलभ की टीम – माया, क्रिस्टोफर, हिना और खुद नीलभ – चंद्र-चक्र की विभिन्न शाखाओं पर हमला करते हैं। हर कोई एक हिस्से को तोड़ता है: माया भविष्य की एक झलक देखकर जानती है कि टीम का कोई एक सदस्य बलिदान होगा। हिना सपना देखती है जिसमें नीलभ या प्राचीन – दोनों में से कोई एक ही ज़िंदा बचेगा। क्रिस्टोफर, अपने पुराने जख्म भूलकर एक चंद्र-सेना को अकेले रोकता है – और शहीद हो जाता है। अंतिम संग्राम: चंद्र-गर्भ खुलता है तीनों चाँद जब पूर्ण रूप से एक रेखा में आते हैं, तो आकाश फटता है। “लूनर अवतार” जन्म लेता है – न इंसान, न भेड़िया – बल्कि चंद्र-चक्र की अंतिम उम्मीद। प्राचीन कहता है:
“ये वो चीख़ है जो कभी नहीं रुकेगी… ये चीख़ अब तुम नहीं, वक़्त सुनेगा।”
नीलभ, आखिरी बार Lunacode सीरम का उन्नत रूप खुद में इंजेक्ट करता है – अब वो पारभासी ऊर्जा वाला चंद्र-योद्धा बन चुका है। नीलभ और लूनर अवतार के बीच युद्ध छिड़ता है — आकाश में, धरती पर, और चेतना के भीतर। हर चोट के साथ, पुराने रहस्य खुलते हैं, और हर चीख़ किसी अधूरी आत्मा को मुक्त करती है। अंतिम दृश्य: अधूरी चीख़ पूरी होती है… या नहीं? नीलभ, पूरी ताकत लगाकर लूनर अवतार को रोक देता है — लेकिन खुद गायब हो जाता है… एक प्रकाश बनकर। माया फुसफुसाती है:
“उसने चीख़ को बाँटना नहीं…
खुद को ही उसमें मिला दिया।” — एपिलॉग: 6 महीने बाद… एक पहाड़ी गाँव में, एक बच्चा जन्म लेता है। उसके पहले रोने में… वही आवाज़ है — वही चीख़ — लेकिन इस बार संगीत जैसी। रीमा की आवाज़ बैकग्राउंड में सुनाई देती है (रिकॉर्डिंग):
“अधूरी चीख़ कभी पूरी नहीं होती..+