ghost loan true horror story,

1
5812
ghost loan true horror story,
ghost loan true horror story,

ghost loan true horror story,

१० साल का सोनू अपनी बड़ी बहन अंजू के साथ छत पर सो रहा था , रात के तकरीबन १ बजे उसकी आँख खुलती है ,

बच्चा है नादानी तो करते ही हैं , वो पलंग के नीचे झांकता है , वहाँ उसे एक बूढ़ी डरावनी औरत दिखती है , वो वापस ,

चादर ढँक के सो जाता है , सुबह होती है ७ बज चुके हैं अंजू दीदी उसे उठाने की कोशिश करती है , मगर ये क्या सोनू का

शरीर बुखार से तप रहा है , अंजू को लगता है इसे बुखार है , वो बोलती है उठके जा अंदर सोजा सोनू , धूप बहुत तेज़ है ,

और वो सोनू को अंदर ले जाकर सुला देती है , और घर में रखी हल्की फुल्की बुखार की दवा दे देती है , दिन में सोनू के

दोस्त आते हैं , सोनू को बुलाते हैं खेलने के लिए मगर अंजू दीदी मना कर देती है , की सोनू नहीं जायेगा उसकी तबीयत

खराब है , और तुम लोग भी घर जाओ , गर्मी में खेलोगे तो बीमार पड़ जाओगे । सभी बच्चे थोड़ा मायूस होकर वहाँ से

चले जाते हैं ।

horror story in hindi written, 

शाम का वक़्त सोनू को बहुत तेज़ बुखार है , अंजू दीदी उसे डॉक्टर के पास ले जाती है , डॉक्टर सोनू को देखता है ,

चेकअप के बाद बोलता है कुछ ख़ास नहीं मौसमी बुखार है और २ की दवा दे देता है । शाम को दवा खाकर सोनू सो जाता

है , रात में उसे बाथरूम लगती है , वो डरते डरते जाता है , और जैसे ही वापस मुड़ता है उसकी नज़र पलंग के नीचे लेटी

बुढ़िया पर पड़ती है , वो चिल्लाता हुआ पलंग की तरफ दौड़ता है इतने में अंजू की नींद खुल जाती है वो सोनू को लपक

कर गले से लगा लेतीं है, पूछती है क्या हुआ सोनू , सोनू बोला पलंग के नीचे भूत है , अंजू देखती है , तभी बाजू वाली

छत में सो रहे उनके रिश्तेदार भी जग जाते हैं वो भी पूछते हैं क्या हुआ अंजू , अंजू बोलती है सोनू डर गया है , सब भी

यही सोचते हैं बच्चा है बुखार की वजह से उसे ऐसा लगा होगा ,

सभी सोनू की बात पर ज़्यादा गौर नहीं करते हैं , तीसरा दिन भी गुज़रता है , रात होती है आजअंजू दीदी ने छत पर दो

पलंग में अलग अलग बिस्तर डाल रखे हैं , और दोनों को साथ में चिपका दिया है ताकि सोनू को सोने में आराम रहे ।

और बल्ब भी जला रखा है ताकि सोनू रात में डरे नहीं ।

cut to top angle shot ,

रात के तकरीबन २ बजे , जब सारा शहर गहरी नींद में सोया हुआ था , तभी शहर की एक छत पर सोये भाई बहन के

साथ ऐसा कुछ हो रहा था , जो रौंगटे खड़े कर देने वाला था ,एक मासूम बच्चा सोनू जिसकी चादर कोई अंजान शख्स

अचानक खींच लेता है , उसे हल्की सी ठण्ड महसूस होती है , वो अपने आप में सिमटने की कोशिश करता है , तभी कोई

उसके पलंग को कोई पलटा देता है और वो छत की फर्श पर गिर जाता है , और रोने चीखने लगता है , बाजू वाले पलंग

में सोयी उसकी दीदी अंजू की नींद अचानक से खुल जाती है , वो सोनू को उठाती है गले से लगाती है और पूछती है क्या

हुआ, सोनू रो रो कर बताता है की आज उसे किसी ने पलंग से गिरा दिया , अंजू को एक बार फिर यही लगता है , दवा के

नशे में ये गहरी नींद में था , हो सकता है गिर गया हो ,

horror story hindi, 

अब हर रात का यही किस्सा होने लगा था ,एक डरावनी बुढ़िया छत की मुंडेर पर टक टकी लगाए बस , सोनू को घूरती

रहती थी , सोने चादर से ज़रा सा ज़रा चेहरा निकाल कर उसकी तरफ देखता और फिर से चादर में मुँह छुपा लेता उसने

अंजू को बताया दीदी देखो वहाँ कोई बैठा है अंजू उसे डाँट देती क्यों की अंजू को वहाँ कोई नहीं दिखता था ।  मगर सोनू

की चीख पुकार और उसका पलंग से रोज़ रोज़ की उठा पटक भी किसी से देखी नहीं जा रही थी , डॉक्टर ने ब्लड टेस्ट

किया उसमे सब नार्मल था , ऐसी कोई गंभीर बीमारी के प्रमाण नहीं मिल रहे थे , अब रिश्तेदारों ने बोला , अंजू और

सोनू के माता पिता को बुलाया जाए , आखिर कब तक दोनों बच्चे यूँ ही अकेले परेशान होंगे ।

 

अंजू सोनू के माता पिता को बुलावा भेजा जाता है वो दूसरे शहर में हैं , पिता उनके सरकारी टीचर हैं , जब अंजू ,सोनू की

खबर उन तक पहुँचती है , वो तुरंत उनके पास आ जाते हैं , आज रात सोनू को दवा देकर छत पर उसके माता पिता भी

साथ में सोते हैं , फेयर रात वाक़िया घटता है , सोनू को कोई पलंग से छत की फर्श पर पटक देता है , सोनू ज़ोर ज़ोर से

चिल्लाने लगता है , तभी उसके मम्मी पापा और बहन जाग जाते हैं , उनकी नज़र सोनू पर पड़ती है , सोनू पसीने से तर

है , और ज़मीन पर बेसुध पड़ा है , मगर आज उसका पलंग छत पर नहीं है रात के अँधेरे में टोर्च से पलंग की तलाश

करने पर सोनू का पलंग छत के नीचे गिरा मिलता है ।

इस घटना के बाद सोनू के माता पिता और बहन अंजू को समझ में आजाता है , की हो न हो कोई भूत भयार का उत्पात

है ।

दूसरे दिन पूरा परिवार तांत्रिक के पास पहुँचता है ,

तरह तरह के भूत प्रेत पिसाच जीं से पीड़ित लोगों से भरा पड़ा है , तांत्रिक का प्रांगण , सबसे पहले सोनू के मम्मी पापा

तांत्रिक के पास जाते हैं और सारी घटना विस्तार से बताते हैं , तांत्रिक समझ जाता है , वो सबको बाहर भेज देता है बस

सोनू और सोनू के माँ बाप को भीतर बुला लेता है , और अपनी तंत्र विद्या से उस दुष्ट की आत्मा को बुला लेता है , तभी

सोनू की माँ को जाने क्या हो जाता है , उसके चेहरे की भाव भंगिमा नैन नक्स बदलने लगते हैं जैसे कोई आत्मा उसके

अंदर प्रवेश कर जाती है , वो उसी बुढ़िया की तरह बाल फैलाये , मुँह से पान की लार बहाये मुँह ऊपर उठाती है उसकी

नजरों से लगता है जैसे कच्चा चबा जाएगी सबको ,तांत्रिक पूछता है क्या बिगाड़ा है तेरा इस मासूम बच्चे ने ,

no. 1 ghost story in hindi for child , 

तब बुढ़िया की आत्मा जो सोनू की माँ के शरीर में समां गयी है वो बोलती है , इस ने कुछ नहीं बिगाड़ा है मेरा , बिगाड़ा

तो इसकी माँ ने है . तांत्रिक पूछता है क्या बिगाड़ा है बोल बता कौन है तू , तब आत्मा सोनू की माँ के मुख से बोलती है ,

इसने मुझसे मेरे मरने के पहले ७ हज़ार रुपये लिए थे , तब इसे बहुत मज़बूरी थी रो रही थी ये मेरे सामने , और मैंने

अपने बच्चों की चोरी से ७ हज़ार रूपये इसे दिए जिस पर मेरे बच्चों का हक़ है , और मेरे मरने के बाद ये पैसे सोनू की

माँ ने नहीं लौटाए , मैं अपने बच्चों का हक़ किसी को नहीं खाने दूँगी , मुझे मेरा पैसा लौटा दे, वो ज़ोर से चिल्लाती है

सर्वनाश कर दूँगी सबका , तब तांत्रिक समझाता है शांत और उस पर पवित्र जल छिड़कता है , तांत्रिक बोलता तू तो मर

गयी है क्या करेगी अब इस पैसे का , आत्मा जवाब देती है मेरे बच्चों की अमानत है वो पैसा , तब तांत्रिक पूछता है एक

आत्मा को कैसे लौटाए ये पैसा ,

 

अभी मुझे मरे एक साल नहीं हुआ है , इसके मायके वाले घर की छत पर बैठ कर मेरी आत्मा आज भी रोती है मेरे बच्चों

के लिए लेकिन इस दुष्ट औरत को ज़रा भी मेरे बच्चों पर तरस नहीं आया , तब तांत्रिक बोलता है लौटा देगी तेरा पैसा

सोनू की माँ अब तू सोनू को परेशान करना बंद करदे , जब आत्मा को तांत्रिक की बातों पर पूरा भरोसा हो जाता है , तब

आत्मा सोनू की माँ के शरीर से निकल जाती है , और तांत्रिक सोनू की माँ को समझाता है , हमारे अच्छे और बुरे कर्मों

का फल हमारी सन्तानो को भुगतना पड़ता है , सोनू की माँ तांत्रिक के पैर में गिर कर माफ़ी मांगती है , और बताती है

की मायके में उसके घर के पास एक बुढ़िया रहती थी जिससे उसने ७ हज़ार रूपये उधार लिए थे , अब वो मर गयी है अब

मैं उसके पैसे को उसके बच्चों को लौटा दूँगी मुझे मेरा बेटा सही सलामत चाहिए ।

 

घर लौटते ही सोनू की माँ बुढ़िया के बेटे से मिलती है , और बता देती है की तुम्हारी माँ से मैंने ७ हज़ार रूपये उधार लिए

थे जो किसी कारणवश लौटा नहीं पाई ये लो अपने पैसे और अपनी माँ की आत्मा को शांति दिलवाओ । इस तरह दूसरे

दिन ही सोनू पूरी तरह से ठीक हो गया और दोस्तों के साथ खेलने कूदने लगा ।

जब सोनू के नानी नाना वापस घर आये तो उन्हें सोनू की हालत का पता चला उन्होंने सोनू की माँ को जमकर फटकार

लगाई , की क्या ज़रुरत रही तुझे उस बुढ़िया से पैसे लेने की हमसे मांग लेती सोनू को अभी कुछ हो जाता तो हो जाती न

बिना लड़का के , सोनू अपने नाना नानी और माँ बाप के बीच में एकलौता लड़का था ।

ये कहानी अस्सी के दसक की सत्य घटना पर आधारित है , और अस्सी के दसक में ७ हज़ार रूपये मध्यम वर्गीय परिवार

के लिए बड़ी रकम मानी जाती थी । दोस्तों इसीलिए कहते हैं मरते समय आत्मा पर किसी तरह के क़र्ज़ का बोझ नहीं

होना चाहिए वरना आत्माएं भटकती रह जाती हैं ।

darawni kahaniya,

the end

pix taken by google if u have problem we will remove it