निगाहों निगाहों में ग़र दर्द को पनाह मिले तो love shayari ,

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निगाहों निगाहों में ग़र दर्द को पनाह मिले तो love shayari ,
निगाहों निगाहों में ग़र दर्द को पनाह मिले तो love shayari ,

निगाहों निगाहों में ग़र दर्द को पनाह मिले तो love shayari,

निगाहों निगाहों में ग़र दर्द को पनाह मिले तो ,

गोया इसे मोहब्बत का नाम देना इल्ज़ाम ए बेवफ़ाई होगी ।

 

सोयी पड़ी रात में ज़ालिम ने दिल चुराया ,

ख्वाब खुली आँखों के होते तो ख़ुदा कसम हम उनको दिल लूटने न देते ।

 

बाढ़ अश्क़ों की बाहर भी है बाढ़ भीतर भी है ,

बाहर की बाढ़ सबने देखी दिल के अंदर ग़मो का कतरा कतरा घुट रहा है ।

 

आ आँखों में आंज लू तुझको ,

बहुत सीलन है आजकल दिल में ,

ज़माने की आँच में कुम्हला न जाएँ सपने तेरे ।

 

ग़म का चाँद हो ग़म की हो ईद ,

ग़म के मोती हों ग़म के हों शीप , कभी आँसू जो छलके नीम के हों ,

दिवाली के दीप की लौ में भी दिल जले तिल तिल ।

romantic shayari 

जले तो ऐसे जले जैसे सब ग़म जला के ख़ाक कर देगी लौ ,

न तीज न त्यौहार सब व्यापार सा लगता है ,

इतना ग़म है छंटता क्यों नहीं ,

ग़मों का काला बादल हटता क्यों नहीं ।

 

ऐ ख़ुदा देखी तेरी रहमत हमने ,

ग़म के सैलाब कभी खुशियों की दिवाली देखी ।

 

सारा दामन बदन से झड़ता रहा ,

गोया सारी रात तेरी याद लिपट लिपट के सिसकती रही ।

 

कभी ख़ुद में झाँका थोड़ा तुझमें झाँका ,

गोया नहीं दिखा मोहब्बत जैसा कुछ तो ख़ुद का गिरेबान तेरे दर पर ही खाली कर आये ।

 

बड़ा सनाका पसरा है शहर की गलियों में ,

कहीं कोई आदम ए ख़ास तो नहीं गुज़रा दिलों की गलियों से ।

 

वो जब भी होता है अकेला पत्थरों पर कुरेदता है नाम यार का ,

रूबरू होतो करता क्यों नहीं इज़हार प्यार का ।

 

सर्द रातों में चमकते जो मोम के टुकड़े हैं ,

गर्म रातों में चराग़ ए लौ बनकर दिलों को रोशन किये थे कभी ।

sad shayari 

तू ग़र मेरा है तो अपनी रूह में मेरी रूह मिलाता क्यों नहीं ,

जलाता है दूर खड़ा होके अरमानो को मेरे दिल में दफ़नाता क्यों नहीं ।

pix taken by google