one line quotes on life in hindi आज नज़्मों में तल्खियां पिरोई जाएगी ,
आज नज़्मों में तल्खियां पिरोई जाएगी ,
फिर तेरे शहर से किसी मरीज़ ए दाना का कारोबार उठा ।
दौलत ए इश्क़ का रुतबा ही बस मुक़म्मल है ,
बाकी सब ख़ाक मिटटी के बने मलबों की औक़ात ही क्या ।
दोस्त कहता था तो मेरा सरीक ए ग़म भी होता ,
मुश्किल हालात में न मुझसे बेरुख़ी करता ।
एक हम ही बस खामोश थे तन्हाई में ,
महफ़िल ए रानाईयों में चाँद तारे ओ जुगनुओं से सवाल होता रहा ।
खुदा ने हमें इब्न ए इंसान पैदा किया ,
जाने किसकी रहनुमाई में हम हिन्दू मुसलमान बन बैठे ।
शेर गर भूखा हो तभी शिकार करता है ,
एक इंसान ही है जो गुमान की ख़ातिर दूसरे इंसान पर वार करता है ।
सारा का सारा खानदान सियासी है ,
सबके सब दल बदल बदल के सियासत करते रहे ।
गुमराह होती रही जनता ,
झूठे कसम ओ वादों से दम भरते रहे ।
दम क्यों नहीं निकलता है सोचके हैरान ,
इंसान की इंसानियत का गला हर दम घोटता इंसान ।
पत्थरों के शहर में दम घुटता है ,
कोई ख़ाक ओ मिटटी का भी एक बुत ओ मुजस्सिम दिखला दो ।
एक अक्स से मुझको मोहब्बत थी इस कदर ,
सदा ए इश्क़ की ख़ातिर तमाम उम्रें गुज़ार दी ।
आशिक़ का जनाज़ा है धूम मचने दो ,
उड़ती धूल से कह दो जाकर मेरे सनम का दर चूम आयें ।
क़तरे क़तरे में प्यास बाकी है ,
ज़र्रा ज़र्रा डुबो रखा है समंदर की तरह ।
गुलपोश नज़ारे हैं अंजुमन में सभी ,
बस उन शोख निगाहों की अदाकारी है ।
क्या करते उनसे अहद ए वफ़ा की उम्मीद ,
जो नाउम्मीदी में तमाम उम्रें गवाये बैठे हैं ।
राह ए फ़क़ीरी का असर देखिये हुज़ूर ,
ख़ाक फांकते हमने उम्रें गुज़ार दी ।
हम नसीन मिले थे बहुत बस ,
इश्क़ ए हक़ीक़ी का नामोनिशान तलासते तमाम हसरतें फ़नाह की ।
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