real spirit stories in hindi flat number 203 ,

1
1893
real spirit stories in hindi flat number 203 ,
real spirit stories in hindi flat number 203 ,

real spirit stories in hindi flat number 203 ,

मुकेश शायद ही कभी भूल पायेगा चिंचोली बन्दर मलाड से शिफ्ट होने का वो दिन , जुलाई का महीना था बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी , मकान का एग्रीमेंट ख़त्म हो गया था , मकान मालिक रोज़ फोन करता था की आखिर कब उसका फ्लैट खली करेंगे , स्थिति यहां तक निर्मित हो गई थी की , वो मुकेश और रवी का सामान तक बाहर फेकने के लिए तैयार हो गया था , संडे का दिन था नए फ्लैट के ब्रोकर ने हफ़्तों के इंतज़ार के बाद मुकेश और रवी को आज पजेसन देने का वादा किया था , मुकेश और रवी गोरेगाँव शिफ्ट हो गए थे तभी शाम को लगभग ५ बजे मलाड के फ्लैट वाले मकान मालिक का फोन आता है , मुकेश भाई नया ग्राहक दरवाज़े पर खड़ा है आप डारवाजा खोलो , मुकेश जवाब में कहता है , हम गोरेगांव शिफ्ट हो चुके हैं , आप अपना फ्लैट खोल लो , आपके पास भी तो चावी है , फोन कट हो जाता है ।

रवी फ्लैट में गुनगुनाता हुआ टहल रहा है , तभी वो मुकेश के पास आता है , और मुँह सिकोड़ता बोलता है , मुकेश भाई ये फ्लैट तो ठीक है , मगर ये जो कोना है जहां पर डस्टबिन रखा रहता है , ये मुझे कुछ गड़बड़ लग रहा है , मुकेश बोलता है कैसा गड़बड़ , रवी कहता है मुकेश भाई ये भुतहा लगता है , मुकेश कहता है तू भी न रवी यहां कहाँ मुंबई जैसे शहर में तू भी भूत प्रेत की बात करता है , तभी मुकेश के फोन में रिंग बजती है , मुकेश बात करता है , और फोन कट कर देता है तभी रवी पूछता है , क्या हुआ अभिषेक का फोन था क्या , मुकेश हाँ कहता है रवी पूछता है क्या बोल रहा था , मुकेश कहता है , बधाई दे रहा था नए रूम में शिफ्ट होने की और बुलाया है मुझे रूम में पार्टी है उसके , तो मैं तो चला तू अकेले रह लेना कुछ बना लेना अच्छा सा पीने खाने के लिए , अपन तो बहार ही खायेगे , कल सुबह आएंगे , रवी कहता है ओके कोई बात नहीं , और मुकेश बाय करता हुआ रूम से निकल जाता है , रवी रूम बंद कर लेता है , और अपने फाइन आर्ट के काम में लग जाता है , वो स्केचिंग बना ही रहा होता है की , उसे घर के अंदर लगातार ठक ठक की आवाज़ सुनायी देती है ऐसा लगता है जैसे कोई औरत मुगरी से पीट पीट कर कपडे धो रही है , वो दोनों रूम झाँक कर देखता है , मगर उसे कुछ समझ में नहीं आता है वो अपने काम में लग जाता है ।

cut to camera panning roof to wall ,

लगभग रात के ११:३० बज चुके हैं , अचानक से रवि को याद आता है , की कुछ अधूरा अधूरा है , कलाकार आदमी काम में इतना मसरूफ हो गया था की भूख का भी पता नहीं चला , फिर अचानक उसे याद आता है , की यार आज तो खाना बनाया ही नहीं , वो किचन की तरफ जाता है , कुछ खाने के लिए बनाना सुरु किया ही था की , बाजू वाले फ्लैट से किसी के चीखने की आवाज़ आती है ,

रवी सोचता है की बच्चे होंगे वो इस चीख पर ज़्यादा ध्यान नहीं देता है , फिर उसे महसूस होता है की उसी के फ्लैट के दूसरे कमरे में जैसे कोई महिला रो रही है है , रवी हिम्मत करके उस रूम का दरवाज़ा खोलता है लाइट जलाता है , और सामने एक विशाल चुड़ैल का काला साया देख कर वहां से भाग जाता है , और फ़ौरन सीढ़ियों के रास्ते ग्राउंड फ्लोर में आजाता है वो मुकेश को फोन लगाता है , और मुकेश को बोलता है मुकेश भाई इस नए फ्लैट में भूत है , मुकेश रिप्लाई देता है चुप कर रवी पी मैं रहा हूँ और चढ़ तुझे रही है , तभी मुकेश के फ्रेंड जो साथ में बैठे शराब पी रहे थे कहते हैं , क्या हुआ मुकेश किसका फोन है मुकेश बोलता है रवी का है यार कह रहा है फ्लैट में भूत है , मुकेश का फ्रेंड फोन लेता है और रवी को बोलता है मेरे भाई तू मुंबई में है जबलपुर में नहीं , यहां भूत की भी आने में फटती है , तू एक काम कर हमारे पास आजा , रवी बोलता है अब इतनी रात टैक्सी कहाँ मिलेगी , मुकेश का फ्रेंड अभिषेक बोलता है हाँ ये तो है , तू एक काम कर चुप चाप चादर तान के सोजा तू भी दो पेग मार लिया कर यार , टेंशन नहीं लेने का मेरे यार हम सब दोस्त हैं , मुकेश बोलता है तुझे लग गयी है चुप कर वो फोन अभिषके से छुड़ा लेता है , और रवी को बोलता है तू डर मत मेरे यार मैं हूँ न जा आराम से सोजा , खाना खा लिया है न , रवी बोलता है नहीं , हाँ तो कुछ बना के खा ले , चल सुबह मिलते हैं बाय गुड नाईट अपना ख्याल रखियो ।

bhutiya kahani real

सोसायटी के गार्डन में बैठा रवी ऊँघ रहा था तभी वॉचमैन आता है पूछता है क्या हुआ साहेब नए आये हैं क्या नींद नहीं आ रही है क्या उमस बहुत है लगता है बारिश होगी , रवी कहता है हाँ आज शिफ्ट हुआ हूँ , एक बात बताओ ये फ्लैट नंबर २०३ में चीखता कौन है , वॉचमैन गोरखा बोलता है मैं भी पिछले हफ्ते ही ज्वाइन किया हूँ , मुझे तो किसी के चीखने की आवाज़ नहीं सुनायी देती है आप भूत प्रेत से डर गए हैं क्या साहेब मुंबई में रहकर इतने पढ़े लिखे होकर भी आप अंधविश्वास पर विश्वास करते हैं , चलिए मैं आपको आपके फ्लैट तक छोड़ देता हूँ , रवी बोलता है नहीं मुझे नींद नहीं आ रही है , मै अभी यहीं बैठूँगा , गोरखा जैसी आपकी मर्ज़ी साहेब बोला और सीटी बजाता हुआ वहाँ से चला जाता है , रवी वहीं बैठा बैठा सो जाता है , सुबह के ७ बज चुके हैं बारिश की हल्की हल्की बौछार से रवी के कपडे गीले हो जाते हैं वो अपने आपको खुद में समेटता हुआ करवट बदलता है की सामने मुकेश को खड़ा पाता है , मुकेश बोलता है उठ रवी क्या तू रात भर यहीं लेटा था , कितना डरपोक है तू , चल फ्लैट में चलते हैं , और वो रवी को उठा कर फ्लैट में चला जाता है । दोनों फ्लैट के अंदर जाते हैं बाथरूम से नल के चालू होने की आवाज़ आती है , मुकेश बाथरूम चेक करता है , कोई नल का टैब नहीं खुला होता फिर उसे लगता है ये आवाज़ बाजू वाले फ्लैट से आ रही है , रवी और मुकेश दोनों तैयार होकर अपनी अपनी जॉब में चले जाते हैं ।

शाम का वक़्त ७ बजे हैं मुकेश ऑफिस से पहले आजाता है , रवी ९ बजे तक लौटता है , मुकेश फ्लैट के दरवाज़े पर पहुंचकर अपना वॉलेट चेक करता है मगर ये क्या उसमे तो फ्लैट की चावी ही नहीं है , वो रवी को फोन लगाता है भाई कहाँ है तू यार आज मैं अपनी चावी फ्लैट के अंदर ही भूल गया हूँ , तू कब तक लौटेगा , रवी बोलता है मुझे आने में १० बज जायेगा , मुकेश बोलता है चल ठीक है मैं ही कुछ जुगाड़ लगाता हूँ , वो वॉचमन के पास जाता है , और अपनी प्रॉब्लम बताता है , वॉचमन सीढ़ी लेकर आता है , फ्लैट फर्स्ट फ्लोर में ही था इसलिए सीढ़ी से वहाँ तक फ्लैट की पीछे वाली खिड़की तक पंहुचा जा सकता है , वॉचमैन सीढ़ी पर चढ़ता है , खिड़की को खोलने की असफल कोशिश करता है , लेकिन खिड़की के अंदर का नज़ारा जिसे गार्डन की हल्की हल्की लाइट्स के कारण देखा जा सकता है वॉचमैन हतप्रभ रह जाता है , तभी मुकेश पूछता है क्या हुआ , वॉचमैन चिल्लाता है अरे देवा यहां तो भूत है साहेब और सीढ़ी के साथ धड़ाम से गिर जाता है , उसे ऐसा महसूस होता है की जैसे किसी अजनबी साये ने ज़ोर का धक्का दे दिया हो , वो बोलता है इस फ्लैट को छोड़ दो साहेब इसमें भूत है मुकेश पूछता है , आखिर हुआ क्या वॉचमैन कहता है साहेब अंदर चुड़ैल है जिसने मुझे धक्का दिया और मैं गिर गया अच्छा हुआ की मिटटी गीली थी तो कुछ नहीं हुआ वरना मेरे तो हाँथ पैर टूट जाते । और हड़बड़ाहट के साथ सीढ़ी उठा कर वहाँ से भाग जाता है ।

social issue script in hindi,

तभी मुकेश के फ्रेंड अभिषेक का फोन आता है , मुकेश उसे सारी घटना बताता है , अभिषेक बोलता है तू टैंशन मत ले आज हम तेरे रूम में ही पार्टी करेंगे वो अमन और नितिन को भी साथ में लेकर आजाता है , तब तक रवी भी आजाता है , मुकेश इस घटना के बारे में रवी से ज़िक्र न करने को कहता है , पांचो फ्लैट में बियर पार्टी करते हैं , होटल से खाना आजाता है सब का प्लान रात भर ताश खेलने का बनता है , रवी कहता है मैं तो सोऊंगा मुझे कल ऑफिस जाना है , मुकेश बोलता है कोई बात नहीं तू सोजा हम भी एकाध घंटे में सो जायेगे , रवी दूसरे रूम में सो जाता है , दो तीन बार उसकी चादर अपने आप नीचे की और सरक जाती है मगर वो इतनी गहरी नींद में है की वो उसे बार बार ऊपर की ओर खींच के सो जाता है । इधर मुकेश ,अभिषेक ,अमन , नितिन चारों ताश खेलने में इतने मशरूफ हो जाते हैं की वक़्त का पता ही नहीं चलता है ।

cut to ,

तभी नितिन टॉयलेट जाता है , और वापस आकर ताश खेलने लग जाता है , अचानक बाथ रूम से पानी टपकने की आवाज़ आने लगती है अभिषेक बोलता है लगता है नितिन टॉयलेट का नल नहीं बंद करके आया है , जा अमन देख नल बंद करके आ अमन कहता है मैं नहीं जाउगा जिसने नल खोला है वही बंद करे ,अभिषेक बोलता है मत जाओ मैं जाता हूँ , मुझे बाथरूम भी लगी है थोड़ा हल्का हो लूँगा , रात के २ बज चुके थे , अभिषेक घडी की तरफ देखता हुआ मुकेश को बोलता है कहाँ है भूत बे साले तुम लोग चूतिये हो सब के सब कोई भूत वूत न है , और वो सीधा टॉयलेट में घुस जाता है , और पेशाब करने बाद जैसे ही पलटता है सामने एक भयानक चुड़ैल रास्ता रोक कर खड़ी हो जाती है , वो भयानक तेज़ से चीखता है , इधर अभिषेक की चीख सुनकर सभी फ़ौरन धक्का मारकर बाथरूम का दरवाज़ा खोलते हैं , इधर अभिषेक चीख सुनकर रवी भी जाग जाता है , और आँख खोलते ही जो देखता है वो अकल्पनीय था , ऊपर छत पर बड़े बड़े दांतों और नाखूनों वाली भयानक चुड़ैल जैसे कई जन्मों से खून की प्यासी हो रवी की तरफ झपटती है रवी चीख उठता है , सबके सब रवी के पास पहुंचते हैं रवी हड़बड़ाहट में बताता है भाई यहां भूत है वो ऊपर सीलिंग में अभी चुड़ैल थी , अभिषेक भी बोलता है हाँ भाई तेरा ये फ्लैट सही नहीं हम अभी इस फ्लैट को छोड़ देंगे , और सबके सब रात में ही फ्लैट से निकल जाते हैं । दूसरे दिन मुकेश और रवी रूम चेंज करने के लिए अपने ब्रोकर समीर के पास जाते हैं , और समीर को फ्लैट में होने वाली भूतिया घटनाओं से अवगत कराते हैं , समीर कहता है ऐसा कुछ नहीं है , तुमसे पहले भी तो लोग रहते ही थे न उस फ्लैट में मुकेश बोलता है हमें हमारा डिपाजिट और ब्रोकरी दोनों वापस चाहिए वरना हम पुलिस कंप्लेंट करेंगे , समीर डर जाता है और वो डिपाजिट और ब्रोकरी लौटाने के लिए तैयार हो जाता है ।

attitude status in urdu 2 line,

cut to leaving flat ,

मुकेश रवी अभिषेक अमन और नितिन फ्लैट से सामान निकाल रहे हैं , अभिषके कहता है अच्छा हुआ भाई तू यहां से निकल लिया मैंने तो आज तक ऐसा खतरनाक भूत कभी नहीं देखा था , मुकेश कहता है बहुत मज़ाक उड़ाते थे रवी की बातों का आखिर समझ में आ गया न की भूत प्रेत भी होते हैं , और पांचों हंसने लग जाते है , तभी बाजू वाले फ्लैट का दरवाज़ा खुलता है , उसमे से लगभग ९० साल की बुढया निकलती है और पूछती है क्या हुआ लड़कों तुम भी डर के भाग रहे हो , नहीं रह पाए न फ्लैट नंबर २०३ में दात्री की चुड़ैल किसी को नहीं छोड़ेगी , मार डालेगी सबको , अभिषेक थोड़ा हिम्मत करके पूछता है कौन दात्री ताई आप किसकी बात कर रही हैं क्या हुआ था इस फ्लैट में वो चुड़ैल कौन है , तब बुढ़िया बताती है ssssssss धीरे बोलो सुन लेगी वो , दात्री नाशिक की लड़की थी उसकी शादी हवलदार महादेओराओ रानाडे के साथ हुयी थी शादी के बाद दोनों को एक बेटी हुयी , महादेओराओ नाम तो भगववान का था मगर काम शैतान के थे , वो अक्सर शराब पीता था , और रात में आकर दात्री को मारता था , एक रात बहुत झगड़ा हुआ दोनों के बीच और हवलदार महादेओराओ ने दात्री अपनी बेटी और खुद को गोली मार ली , तभिच से ये फ्लैट बंद पड़ा था कुछ लोग आये भी मगर कोई टिका नहीं , तभी कमरे के अंदर से आवाज़ आती है , और बुढ़िया ख्याल रखना अपना बोलती हुयी भीतर चली जाती है , इधर सभी फिर सामान निकालने में लग जाते है, नितिन और रवी अभिषेक को अलमारी को पकड़ने के लिए कहते हैं , अभिषेक के हाँथ से अलमारी छूट जाती है और वो उसके ऊपर गिर जाती है जिसके कारण उसकी कमर ज़ख़्मी हो जाती है ।
फिर कुछ दिनों तक अभिषेक का इलाज़ चलता है , मुकेश और रवी ने फ्लैट ज़रूर बदल दिया था मगर उस घर में बिताये लम्हों की भयानक तस्वीरें आज भी उन्हें चैन से सोने नहीं देती हैं ।

pix taken by google ,