romantic shayari in hindi क़ैद ए बामुशक़्क़त में गुलों की जान गयी ,

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romantic shayari in hindi क़ैद ए बामुशक़्क़त में गुलों की जान गयी ,
romantic shayari in hindi क़ैद ए बामुशक़्क़त में गुलों की जान गयी ,

romantic shayari in hindi क़ैद ए बामुशक़्क़त में गुलों की जान गयी ,

क़ैद ए बामुशक़्क़त में गुलों की जान गयी ,

गोया सेज़ ए सहादतो पर इल्ज़ाम लग गया ।

 

हाँथ जला डाला एक दिया जलाने में ,

क्या सारा जहां जला डालोगे दिल बुझाने में ।

 

अदावत ए इश्क़ की गिरफ़्त में जब शिकार मिले ,

कुछ दिल ए नाचीज़ बेमुरव्वत कुछ गुनहगार मिले ।

 

खिजां खिजां है ज़मीन फलक धुआँ सा है,

सज़र से टूटते पत्ते दिल रुआंसा है ।

friendship poetry 

कुछ इस अदा से क़त्ल करते हैं ,

उफ़ तक होती नहीं नज़रों से सरे राह यूँ दिल कलम होते हैं ।

 

चाक दामन में इत्तेफ़ाक़ पाल रखे हैं ,

अदा ए हुश्न से आशिक़ों का लख़्त ए जिगर सम्हाल रखे हैं ।

 

बेमुरव्वत में फँस गया होगा ,

किसी का नूर ए नज़र किसी का अदावत ए इश्क़ बन गया होगा ।

 

ऐ हसीं दुनिया के डूबते सफ़ीने ,

माझी कहाँ कश्ती कहाँ पतवार कहाँ है ।

 

कागज़ी दुनिया के बेताज़ बादशाह ,

तेरी सोहरत कहीं दौलत कहीं तू बर्बाद कहीं और खड़ा है ।

 

शराब गर बुरी चीज़ होती ग़ालिब ,

जा पूछ मैकदों ने खुद कितने ग़ालिब ए सुखन तैयार किये हैं ।

 

तूने देखी नहीं है ज़ौक़ ए शायरी अपनी ,

हवा के रुख पे मौजें लफ्ज़ दर लफ्ज़ झड़ती है ।

 

दिल ए नादाँ की गुज़ारिश पर दुआ क़बूल हुयी ,

हवा चली रुख़ से नक़ाब हटा क़यामत की रात से पहले क़यामत की बात टली ।

 

रात सरगोशियों से हटा रही नक़ाब आहिस्ता ,

जितना बच गया हुश्न के सरारों से इश्क़ ए माहताब बावस्ता

 

हो सकता है कल फिर शाम ए बज़्म में पर्दा उठे ,

महफ़िल में कहीं तुम ही नहीं कहीं हम ही नहीं हो ।

 

शहरी आदमख़ोरों को गोश्त की तलाश है ,

चाक दामन में जिस्म वहशी नज़रों से मासूम छुपाएँ कैसे ।

love shayari , 

बड़े बेख़ौफ़ क़त्ल होते हैं अब भीड़ भाड़ में ,

क़ातिल साफ़ बच के निकल जाते हैं नक़ाब की आड़ में ।

 

हिज़ाब भी ज़रूरी है नक़ाब भी ज़रूरी है ,

मनचलों के शहर में खानाख़राबी भी ज़रूरी है ।

pix taken by google