कभी दिल पर कभी जिगर पर वार करते हैं sad poetry in english urdu ,

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कभी दिल पर कभी जिगर पर वार करते हैं sad poetry in english urdu ,
कभी दिल पर कभी जिगर पर वार करते हैं sad poetry in english urdu ,

कभी दिल पर कभी जिगर पर वार करते हैं sad poetry in english urdu ,

कभी दिल पर कभी जिगर पर वार करते हैं ,

तोरे नैना एक बार में दो दो शिकार करते हैं ।

 

यहाँ ज़ख्मों की कहानियाँ कुछ और हैं ,

वहाँ दिल ए नादाँ की परतें उधेड़ी जाती हैं ।

ego anger and love a short story 

क़िरदार को गैरत मंदी का रास्ता देकर ,

वो सरे राह मुड़ गया ज़माने में लोगों का वास्ता देकर ।

 

जलाओ न दिल ए खादिम को रह रह कर ,

बेखुदी में इश्क़ ए हाज़िर जवाबी का मुब्तला किये बग़ैर ।

 

आज फिर शाम से दिल बुझा बुझा सा है ,

गोया तू ख्यालों में मेरे अब भी ज़िंदा है ।

 

कभी दो नज़रों की गुमनामी में ठहरो ,

गोया खो न जाओ तो कहना मोहब्बत मुमकिन ही नहीं थी ।

 

दरमियान जो भी था लेता जाता ,

दाग़ अच्छे हैं सोच कर इश्क़ के साज़ ओ सामान से मैं कब तलक यूँ ही दिल बहलाऊँगा।

 

जलता सरारा है मोहब्बत मेरी ,

दरमियान इश्क़ की हवाओं को मौजों की रवानी न दो ।

 

दो चार छौंके हो तुनक मिजाज़ी के ,

दरमियान रिश्तों के लज़ीज़ियत ही बढ़ा देते हैं ।

 

दो नज़रों की जुगल बंदी फलसफ़े हज़ार ,

गुबार ए इश्क़ के दरमियान दिलों की फ़िज़ा रंगीन कर गयी ।

 

वो कहते हैं दूरियां ए दरमियान हमें नींद ही नहीं आती ,

बग़ैर उनके हम सारी रात सोये हो जैसे ।

 

दरमियानी रात के दायरे में जो रूहों का साया है ,

करें किससे गिला शिकवा यहाँ कौन अपना पराया है ।

 

क़तरा क़तरा भिगोने में भर दे मेरा ,

मादर ए वतन का ज़र्रा ज़र्रा मेरे लहू से तर कर दे ।

 

जान छुड़ाने की भी मोहलत न मिली तब से ,

गोया इश्क़ ए मुक़दमा संगीनी में तामीर हुआ ।

 

अगर वो रात के हालातों का मुआइना करता ,

दो चार सिलवटें मेरे हिस्से की भी निकलती उसमे ।

 

ओहदे ज़मीनी ज़र्रों के बढ़ चढ़ के बोलते ,

जो खड्डे हैं दिलों को अभी भरे तो नहीं है ।

sad poetry in urdu 2 lines 

pix taken by google