तल्खियों में हाल ए दिल बयान होता है 2line attitude shayari,
तल्खियों में हाल ए दिल बयान होता है, ,
मुझसे नाराज़ रहता है जो मेरा मक़ाम होता है ।
विसाल ए यार की आहट से ज़माना न जाग जाए कहीं ,
तुम ख्यालों में बस दबे पाँव मिलना प्यारे ।
तल्ख़ बनकर ज़हन में अटके रहे ज़रूरी तो नहीं ,
मुमकिन है की राह ए उल्फत में सुख़नवर मिल जाएँ ।
मेरी दो आँखों के छलकते पैमाने ,
तेरे होठों के दो जाम तलाश करते हैं ।
जो बात दिल में दबी थी मेरे ,
लब पर आकर के क़यामत ही न बन जाए कहीं ।
हर दौर ए जहां में आदमी था बस हुश्न ओ इश्क़ का गुलाम,
सर कटा लिया कभी तो सर क़लम किया ।
लोग पूछते रहे हाल ए दिल हमारा बर्बादियों के बाद ,
और हम इश्क़ के दरिया में डूबते तैरते मज़े लेते रह गए ।
वक़्त पड़ने पर तो रखता नहीं ज़माना तर्क़ ओ ताल्लुक़ भी ज़फर ,
नाम करने को सारे अपने हैं ज़िन्दगी का तन्हा है सफर।
दिल ही दिल में घुट जाती हैं कुछ बातें आजकल ,
रश्म ए उल्फत ज़माने को नागवारा गुज़रा इस क़दर ।
देखने को मिलते हैं सियासी दुमछल्ले आजकल ,
बातों ही बातों में खून कर दें बातों ही बातों में हो जाते हैं क़त्ल ।
मैं मेरी मैकशी तेरी आफ़ताबी नज़र ,
लाख चिलमन से बहार न उड़ जाए कहीं ।
वाह वाही ज़माने भर की लूट ली हो अगर ,
बैठ के पाँव दबा बूढ़े माँ बाप के भी कभी ।
अमूमन दिल में उतरे हो मेरे ,
या दिल ए आशनाई का भी इरादा है ।
बिक रहे हैं ख़्वाबों के दरीचे में नायाब बड़े बड़े ,
कुछ मोहसिन जिस्म छोड़कर बे आबरू होकर निकले ।
शहर भर के थे जो एकलौते नूर ए नज़र मोहसिन ,
आज कल वो भी चेहरे पर वर्क़ करके चलते हैं ।
दराज़ ए उम्र की जगमाहट थी ,
लोग समझे भभकते चरागों की सुगबुगाहट है ।
pix taken by google
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