हर नज़र में नज़ारे तर हैं funny sms,
हर नज़र में नज़ारे तर हैं ,
बाद रुख़सत के तेरे शहर भर में बारिश हुयी भी नहीं ।
शहर ए मौसम से पता चलता है ,
गोया जमाल ए यार से आब ओ हवा तस्कीन हुयी ।
वतन क्या फ़ब रहा है रग रग में ,
करो न इसको मैला सियासी रंग भर के ।
अभी तक फुटपाथ में बसर करता हूँ ,
मैं वो हिंदुस्तान हूँ , जो आज़ादी के बाद भी मुफ़लिश ए वक़्त में सफर करता हूँ ।
कभी का पैदा होके मैं बूढ़ा हो चूका हूँ ,
मेरी बुज़ुर्गियत ये कहती है कभी बचपन नहीं देखा ।
कभी कोख़ में बुझ गयी कभी कठौती में डुबोया ,
कभी करके सती का ढोंग हिन्द की बेटी को ज़िंदा चिता में बिठाया ।
सभी नन्हे हाँथों में कागज़ कलम नहीं है ,
लगता है वतन के हुकुमरानों में नमक की बख़त नहीं है ।
सियासी हुकुमरानों की ज़ेड प्लस सिक्योरिटी,
अवाम ए वतन घर की चार दीवारी में महफूज़ नहीं है ।
फटेहाल पर कोई कार्ड चला देते हैं ,
गरीब के हक़ की आये बात तो आपातकाल लगा देते हैं ।
डोर इस और की उस छोर से मिली भी नहीं ,
तार मेरे दिल के तेरे दिल से मिले तो हैं ।
शबनमी हवाओं का रुख़ कहता है ,
अब तेरे शहर का मौसम भी कहीं खुश्क नहीं ।
तुम ख़्वाबों में ही मिल जाया करो ,
तुम्हारे ख्यालों से ही तस्कीन कर लेंगे ।
थक गया होगा नमक चश्म का पीते पीते ,
लोग समझे मोहब्बत ए तस्कीन हुयी ।
हम चरागों से रोशन जहान कर लेंगे ,
वो हमारे सामने नज़रें झुका के न गुज़रें ।
तेरे ख़्वाब भी मुझे सोने नहीं देते ,
रक़्स करते हैं नज़ारे सेहर होने तक ।
हम ज़मीन में चाँद तारे सजा लाएँगे ,
वो फ़लक़ से नीचे भी उतरें तो सही ।
फटे कुर्ते ने इश्क़ के मुद्दे का सफाया कर दिया ,
पप्पू के प्यार ने अपनों को पराया कर दिया ।
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