नाज़नीन ए नज़र से पिघलते हैं किसी romantic shayari,

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नाज़नीन ए नज़र से पिघलते हैं किसी romantic shayari,
नाज़नीन ए नज़र से पिघलते हैं किसी romantic shayari,

नाज़नीन ए नज़र से पिघलते हैं किसी romantic shayari,

नाज़नीन ए नज़र से पिघलते हैं किसी ,

पत्थर के दिल जो दिन रात जलते हैं ।

 

बड़ी तबाही मचाई होगी बेज़बानी में ,
तभी दिल को पत्थर से नवाज़ा होगा बेख़याली में ।

 

बुनियादी पत्थर खिसकने लगते हैं जब  ,

तब ज़र्ज़र तहज़ीबी इमारतों को बड़ी आसानी से गड़गड़ाहट महसूस होती है ।

bhutiya kahani,

दिल ए फ़रसूदा की नादानियाँ सर आँखों पर ,

ये बहार ए रोशन  कि गुलों को सम्हाले कैसे।

 

लहू लहू है धमनियां सिराओं तक ,
जिस्म वक़्त कि धूप में पत्थर का हो गया होगा।

 

रोज़ेदारों के रोज़े गए इबादतग़ाहों का कारोबार गया ,

ज़मीन पर रखे हैं क़दम इस नाज़ ओ अदा से दीदा ए यार के सदके में ईद का चाँद भी शरमा सा गया ।

 

बुत परस्तों के शहर में कौन किस पर एहसान किया करता है ,

एक एक पत्थर एक दूसरे पर हासिल ए मुक़ाम किया करता है ।

 

रोज़ेदारों कि दुआओं का ख़ुदा खैर करे ,

चाँद भी रख लिया क़ाफ़िरों ने मेहबूब ए मोहब्बत कर के

 

इबादतग़ाहों में ख़ुदा मिलने लगे जब से ,

इश्क़ के सारे ऐब और नाज़ ओ नखरे ख़ुदा ने भी जाने तब से ।

 

अब सनम खानों को इबादतख़ाना कर दो ,

बुतक़दों में तो बस दुआओं का कारोबार होता है ।

 

हुश्न वालों से खौफ़ खाकर ज़ब्त है सारे ,

ये सुनके इबादतग़ाहों में इश्क़ के मारों को पनाह मिलती है

 

तदुपरांत विवाहों के भी मण्डप सजते हैं ,

पहले दूल्हे सजते हैं फिर जनाज़े सजते हैं

 

एक एक पत्थर की बेज़बानी में ,

तहरीर ए वक़्त की कहानी सुन ।

 

इतनी भी बंदगी अच्छी नहीं बुतों की ,

गोया लोग मोहब्बतों में पत्थरों को ख़ुदा कर दें

 

बच बचा के निकलो रहमत कि गली से ,

पत्थरों के दिल वाले एक पत्थर हाँथ में सजाये बैठे हैं ।

good morning shayari

वो कहते हैं हम एक ही पत्थर से ईमारत ए हिंदुस्तान बनाएंगे,

जहां समतल हो धरातल छितिज तक पहले वो पृष्ठभूमि बताएं ।

 

इबादत गाहों में दुआओं का मोल हो न हो ,

दर पर बैठे फ़क़ीरों कि दुआओं का कोई मोल नहीं

pix taken by google