true fun loving horror story in hindi ghost father in law ,

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ठण्ड की रात है मोहल्ले के बीचो बीच अलाव जल रहा है रज्जन और रमेश दो मित्र आग तापते हुए बैठे हैं रमेश कहता है भाई ठण्ड बहुत है कोई छोकरी मिल जाती तो ठण्ड कट जाती , रज्जन गाली देता हुआ बोलता है गा,,,, अब तुझे अगर इतनी ही ठण्ड लगती है तो तू शादी क्यों नहीं करवा लेता उस लकड़ी को अलाव के ऊपर रख आग ठंडी नहीं पड़नी चाहिए अब आग ही बची जिस्म को गरम रखने का इकलौता सहारा बाकी सब बेकार है सारी दुनिया बेवफा है साली और गाना गुनगुनाने लगता है गम दिए मुस्तकिल कितना नाज़ुक है दिल ये न जाना आये हाय ये ज़ालिम ज़माना , तभी धुंआ रज्जन की आँख में लगता है और रज्जन किनारे खिसकता हुआ रमेश के पास आजाता है , तभी रमेश कहता है तेरी सास बहुत चाहती है तुझे , रज्जन बोलता है यहां रंडापा कटाया नहीं कट रहा है और तू कहता है सास बहुत चाहती है और मुँह बिचकाता हुआ एक बार फिर अपनी जगह पर जाकर बैठ जाता है , तभी रज्जन के फ़ोन में रिंग बजती है रमेश कहता है देख बे आ गया तेरी आइटम का फ़ोन रज्जन धुएं की वजह से मुँह फेरता हुआ जीन्स की ज़ेबे में हाँथ डालता हुआ कहता है अब कौन मर गया , मादर,,,, तभी फ़ोन देख कर रज्जन का चेहरा खिल उठता है रज्जन के चेहरे की ख़ुशी देखकर रमेश पूछता है कौन है बे कोई आइटम है क्या , एक हाँथ से फोन का स्पीकर छुपाता हुआ रज्जन कहता है नहीं देवलौंद वाली भौजी का फोन है रज्जन कहता है हाँ भौजी क्या हाल है बहुत दिन बाद हमारी हमारी याद आई भौजी कहती है ऐसी बात नहीं है लॉक डाउन के बाद सब काम धंधा बंद हो गया है तुम्हारे भैया घर में रहते हैं इसलिए ज़्यादा टाइम घर पर ही देना पड़ता है ,

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रज्जन पूछता है आज अचानक कैसे याद आ गयी हमारी, भौजी कहती है वो डिलीवरी होने वाली है न मेरी रज्जन कहताहै सब लॉकडाउन की रंगरलियों का परिणाम है , कोई दिक्कत होगी तो बताना रीवा संजयगांधी हॉस्पिटल से लेकर बिछिया हस्पताल तक हर जगह पहचान है अपनी एक नर्श है पहचान की गुढ़ें की है अच्छा व्यवहार है अपना , भौजी कहती है अगले महीने की डेट है , रज्जन कहता है कोई चिंता न करना जब डेट होगी बता देना आपका ये देवर कब काम आएगा , रज्जन थोड़ा लसकता हुआ अपनी जींस की ज़िप के ऊपर हाँथ टाइट करता हुआ कहता है भौजी ठंडी बहुत है शादी सुदा लोगों के तो मजे होते हैं भौजी भी मज़ा लेती हुयी कहती है कहाँ मज़ा रे मज़ा बस १५ दिन का रहता है इसके बाद सारी चुल्ल ख़त्म हो जाती है , रज्जन कहता है , भौजी कोई माल पटवाइये न , भौजी कैसी बहकी बहकी बात करते हो देवर जी , रज्जन एक बार फिर अपनी ज़िप एडजस्ट करता हुआ कहता है कोई लड़की न सही तो कोई भौजी ही पटवा दो , भौजी कहती है इतनी बेचैनी बढ़ रही है तो शादी काहे नहीं करे लेते हो , रज्जन कहता है हम जैसे बेरोज़गार से कौन शादी करेगा शादी तो नौकरी वालों की होती है , भौजी कहती है बाणसागर वाली के पास चले जाओ दोनों सहेलियों को तो फंसा रखे हो तुम , रज्जन ठंडी आह भरता हुआ कहता है हाँ सही याद दिलाई भौजी , तभी भौजी कहती है वो गए और फ़ोन काट देती है , रज्जन गाली देता हुआ इहौ बहन,,,,, खड़े में धोखा दे गयी , और फ़ोन को जेब में रख लेता है और रमेश को कहता है क्या हो गया बे तुझे रमेश मुस्कुरता हुआ कहता है कुछ नहीं तेरी हरकतों पे हंसी छूट रही थी , भौजी को तो बक्श दे हब्सी , रज्जन एक बार फिर जीन्स की जेब से फ़ोन निकालता हुआ कहता है रुक अभी बाणसागर फ़ोन लगाता हूँ ,

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रज्जन बाणसागर में अंजू को फोन लगाता है बाणसागर वाली गर्लफ्रेंड अंजू फ़ोन उठाती है रज्जन है कैसी हो तुम्हे मेरी ज़रा भी याद नहीं आती अंजू कहती है क्या बताएं राजा बस बिरह की आग में पल पल जल रही हूँ , रज्जन एक बार फिर अपने पैंट की ज़िप टाइट करता हुआ कहता है , हाल तो यहां भी बेहाल हो रहा है एक तो ठंडी ऊपर से तुम्हारी दूरी , ज़रा वीडियो कालिंग में आओ न , अंजू कहती है कहाँ से आऊं अभी लाइट गोल है थोड़ा वेट करो रज्जन थोड़ा लसकता हुआ कहता है कब तक वेट करूँ जानेमन वेट करते करते एज २६ की हो गयी है , तभी लाइट आ जाती है और अंजू कहती है रुको वीडियो कॉल में आती हूँ लाइट आ गयी है , और तुरंत अंजू वीडियो कॉल में आ जाती है , रज्जन उससे हाल चाल पूछता है , और रमेश से उसका परिचय करवाता है , रमेश भाभी जी नमस्ते करता है , अंजू भी नमस्ते करती है , और रज्जन से पूछती है ये कौन है रज्जन बताता है ये मेरे परम मित्र हैं , और अपनी बात आगे बढ़ाता हुआ कहता है यार मिलोगी नहीं बहुत मन कर रहा है , अंजू कहती है बाणसागर रीवा से है ही कइँती दूर बस ८० किलो मीटर गाड़ी उठाओ चले आओ , रज्जन कहता है तुम तो इस तरह बोल रही हो जैसे बाणसागर ४ से ५ किलो मीटर दूर हो , अंजू कहती है तो ठिठुरो अकेले हम तो रजैया के अंदर आराम से सोते हैं अपनी अम्मा के साथ हैं , और फ़ोन काट देती है रज्जन एक बार फिर फ़ोन लगाता है , और बोलता है अच्छा सुनो कल मैं बाणसागर आ रहा हूँ शाम को ७ बजे तक पहुंच जाऊँगा तुम्हारे गाँव में कोई ख़तरा तो नहीं है , तुम गाँव के पास पहुंच के मुझे फ़ोन कर देना मैं लोकेशन देती रहूंगी , रज्जन कहता है ओके और फ़ोन काट देता है , रज्जन एक बार फिर फ़ोन लगाता है , तभी रमेश कहता है अब किसको फ़ोन लगा रहा है रज्जन कहता है रुक अभी बताता हूँ,

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सामने से एक लड़की फ़ोन उठाती है रज्जन कहता है मोनिका कैसी हो तुम्हे मेरी याद नहीं आती , मोनिका कहती है ऐसी बात नहीं है लगन चल रही है न वही न्योता बारात में फसी थी रज्जन चुटकी लेता हुआ कहता है कितने दिन हो गए हमें मिले हुए मुझे तो लगा तुम्हारी शादी हो गयी होगी , मोनिका भी अंगड़ाई लेती हुयी कहती है स्वीट हार्ट ऐसी बात मत करो प्लीज़ मैं तुम्हे अपना प्रीतम प्यारे मान चुकी हूँ , रज्जन हँसता हुआ कहता है अच्छा क्या कर सकती हो तुम अपने प्रीतम प्यारे के लिए मोनिका कहती कुछ भी कर सकती हूँ मेरी जान तुम एक बार जान मांग कर तो देखो रज्जन कहता है कोई अपनी जान की जान कैसे मांग सकता है , कल मैं बाण सागर आरहा हूँ रूम का इंतज़ाम करके रखना , मोनिका कहती है कल क्यों अभी आ जाओ घर में भाभी के अलावा कोई नहीं है , रज्जन कहता है लेकिन कल मुझे तुम्हारे अलावा कोई नहीं चाहिए , मोनिका कहती है वो सब तुम मेरे ऊपर छोड़ दो , ओके बॉस कहकर रज्जन फ़ोन काट देता है , तभी रमेश मुस्कुराता हुआ रज्जन की तरफ देखता है और कहता है तू वाक़ई बहुत बड़ा कमीना है , रज्जन रमेश को गले लगाकर गाल चूम लेता है और कहता है ये सब प्यार है पगले , रमेश कहता है तो कल मतलब तू बाणसागर जायेगा , रज्जन मुस्कुराता हुआ कहता है देखते हैं , और अलाव की लकड़ियों को उलट पलट करने में लग जाता है ,

सुबह का वक़्त है रमेश बाइक पर रज्जन के घर के सामने से गुज़रता है घर के सामने दो चार बार हॉर्न बजाता है मगर

जब कोई आहट नहीं मिलती है तो सोचता है लगता है ये कमीना सुबह सुबह ही बाणसागर निकल गया , और वो वहाँ से चला जाता है ऑफिस पहुंच कर एक बार रज्जन को फोन लगाता है , भाई कहाँ है तू सुबह सुबह ही बाणसागर चला गया क्या रज्जन कहता है नहीं यार सो रहा था , रात भर सीधी वाली के साथ फोन सेक्स में भिड़ा रहा ,,, बहन ,,, इसके चक्कर में नींद ही नहीं आई रमेश कहता है , ज़ायदा हैंडप्रैक्टिस की वजह से ही तू इतना कमज़ोर हो गया है रज्जन कहता है चुप कर साले मुझे पता है की तू कितना बड़ा सरीफ है मेरा मुँह न खुलवा मोहल्ले की ऐसी कोई लड़की, आंटी नहीं बची है जिसके नाम की माला न जपी हो तूने रमेश कहता है चल ओके बता शाम को मिलेगा ना , रज्जन कहता है देखते हैं अपना तो अपॉइंटमेंट है आजका , रमेश कहता है ओके ठीक है तू एन्जॉय कर कंपनी , एकाध आइटम की व्यवस्था मेरे लिए भी करवा देना , रज्जन कहता है अब आ गया ना औक़ात में अभी बहुत गर्रा रहा था , रमेश कहता है बॉस आ गया चल फोन रखता हूँ और कॉल काट देता है , दोपहर का वक़्त है रज्जन खाना पीना खाकर २ तीन पैकेट गुटखा कर सिगरेट का एक पैकेट जेब में रखता है बाणसागर के लिए रवाना हो जाता है , बाण सागर पहुंचते पहुंचते शाम हो जाती है अँधेरा धीरे धीरे बढ़ने लगता है , गाँव के बाहर पहुंच कर रज्जन अंजू को फोन लगाता है , और पूछता है चारों तरफ बाड़ ही बाड़ लगी है एक पगडण्डी है किधर आना है अंजू कहती है पगडण्डी पकड़कर सीधा आते जाओ कहीं मुड़ना नहीं है रस्ते में नदी आएगी पुल से सीधा सामने आते जाना कहीं मुड़ना मत लगभग ३ किलो मीटर लम्बी पगडण्डी है , रज्जन कहता है तू फोन चालू रख यहां आस पास कोई आदमी नहीं है बस कोहरा ही कोहरा है , अंजू कहती है ओके ठीक है मेरा फोन चालू है तुम बस सीधे आते जाओ किसी तरह गिरते पड़ते रज्जन अंजू के पास पहुँचता है , और कहता है कैसा गाँव है तेरा माद ,,,, एक आदमी नहीं है इस गाँव आदमी तो छोड़ परिंदा तक नहीं दिखा कैसे आया हूँ ये मैं ही जानता हूँ , अंजू प्यार भरी आँखों से रज्जन की तरफ देखती है और कहती तुम आ गये बस मेरे लिए इतना ही काफी है ,

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रज्जन बाइक को घर के सामने खड़ी करके अंजू के साथ फ़ौरन घर के अंदर घुस जाता है , घर के अंदर घुसते ही अंजू दरवाज़ा बंद कर लेती है और रज्जन से लिपटकर उसे चूमने में व्यस्त हो जाती है , रज्जन भी मौके का फायदा उठाते हुए अमर बेल की तरह उसे अपनी आगोश में ले लेता है और सारा माहौल उह आह की आवाज़ से गुंजाय मान हो जाता है , ठण्ड की ठिठुरन से तड़प रहा रज्जन का जिस्म आग उगलने लगता है और कुछ ही पल में दोनों एक एक करके एक दूसरे के बदन के सारे कपडे उतार कर फेंक देते हैं , और निर्वस्त्र बिस्तर में लेट जाते हैं , एक लम्बी गुत्थम गुत्थी के बाद दोनों अलग होते हैं अंजू आगे बढ़ कर अपने कपडे उठाने की नकामयाब कोशिश करती है की रज्जन एक बार फिर उसे अपनी बाहों में खींच लेता है और लिप्स तू लिप्स किश में व्यस्त हो जाता है , अंजू भी मौके का फायदा उठाती हुयी अनचाहा विरोध प्रदर्शित करती है , पुनः एक मैच समाप्त हो जाता है , अंजू कहती है कितने वहशी हो तुम चलो छोड़ो भी चाय बनाने दो कितनी दूर से थक के आये हो मेरे लिए और मैंने तुम्हे एक कप चाय के लिए भी नहीं पूछा , रज्जन कपडे पहनता हुआ हँसता है और कहता है चाय क्या है मेरी जान तुमने तो वो चीज़ पिला दी है की इसका नशा सात जन्मों तक रहेगा , रज्जन सिगरेट जलाता है अंजू देख लेती है वो सिगरेट तोड़कर फेंक देती है और कहती है जान तुम्हे मेरी मोहब्बत का वास्ता सिगरेट सीना जला कर राख कर देती है , रज्जन कहता है तू क्या समझेगी पगली ठण्ड के दिनों में सिगरेट ही सीने में गर्माहट बनाये रखती है , अंजू फ़ौरन रज्जन के सीने से लिपट जाती है और कहती है मैं हूँ ना गर्माहट बनाये रखने के लिए , रज्जन उसके माथे को चूमता हुआ कहता है वो तो तुम हमेशा रहोगी , अंजू कहती है सच्ची रज्जन कहता है मुच्ची , तभी रज्जन का फोन वाइब्रेट होता है पार्टी २ के नाम से मोनिका का नाम सेव किया हुआ है रज्जन फोन देख कर रख देता है , और साथ लाया गिफ्ट अंजू को देकर वहां से आगे निकल जाता है ,

लगभग १०० मीटर बाइक चलाने के बाद मोनिका को फोन लगाता है मोनिका कहती है कहाँ मर गए थे , रज्जन कहता है

मरे ही तो नहीं बस बच गए हैं , बहुत खतरनाक गाँव है तुम्हारा , अब बताओ आना कहाँ है , मोनिका कहती है बस सीधे चले आओ आगे जो लाइट का खम्भा है उससे दाएं मुड़ जाना , रज्जन बोलता है , चल फोन रख अभी आता हूँ , फोन काट कर रज्जन अपनी बाइक मोनिका के बताये दिशानिर्देशानुसार दौड़ा देता है , आगे जकर जैसे ही लाइट क खम्भा दिखता है वैसे ही मोनिका भी राइट साइड में साल ओढ़े खड़ी नज़र आती है रज्जन की बाइक फ़ौरन मोनिका की तरफ दौड़ पड़ती है , पास जाकर रज्जन मुस्कुराता हुआ कहता है और बताओ जानेमन ये चुड़ैल बनी क्यों खड़ी हो , मैं तो डर ही गया था , मोनिका कहती है हाँ अब तो मैं चुड़ैल ही लगूँगी न अब तुम्हारा टाँका उस कलमुही अंजू से जो भीड़ गया है , रज्जन कहता है अब यही पर लड़ोगी या घर के अंदर भी बुलाओगी , मोनिका आगे आगे और रज्जन उसके पीछे पीछे घर में प्रवेश कर जाते हैं , रज्जन कहता है अब दरवाज़ा कौन बंद करेगा , मोनिका कहती है जिसे डर हो वो खुद दरवाज़ा बंद कर लेगा , रज्जन गाली देता हुआ मरवायेगी बहन,,, अभी कोई देख लेगा तो हड्डी भी ढूढ़ने में नहीं मिलेगी और दरवाज़ा बंद करता है , रज्जन का खौफ देखकर मोनिका हंस पड़ती है और रज्जन को कहती है जब इतनी फटती है तो आये क्यों रज्जन मोनिका को अपनी बाहों में भरता हुआ कहता है प्यार है पगली और गोदी में उठाकर सीधा कमरे में घुस जाता है और पास आये हिरन को जिस तरह भूखा शेर अपने आगोश में लेता है वैसे ही भूखे शेर की तरह मोनिका के ऊपर टूट पड़ता है , मोनिका शर्म से पानी पानी होती जाती है , और रज्जन से कहती है तुम अपना वहशी पन सारा मुझे अभी ही दिखाओगे या कुछ शादी के बाद के लिए भी बचा के रखोगे , रज्जन कुटिल मुस्कान के साथ कहता है शादी के बाद तो सीधा इन्क़िलाब होगा , पोस्टर छपेंगे हमारी मोहब्बत के मोनिका रज्जन को अपने नीचे कर लेती है और कहती है बहुत तुर्रम खान बनते हो न फोन में अब देखती हूँ कितनी गर्मी है तुममे और एक एक करके रज्जन के सभी कपडे जिस्म से उतार फेंकती है , रज्जन भी कामोवेश में मोनिका को अपनी बाहों में जकड़ लेता है , और लगभग 30 मिनिट की मशक्क्त के बाद दोनों निढाल हो जाते हैं निर्वस्त्र मोनिका रज्जन के सीने में हाँथ फेरती हुयी कहती तुम मुझसे सच्ची मोहब्बत करते हो न जान रज्जन मोनिका की आँखों में आँखें डालकर कर कहता है इसमें भी कोई शक करने की कोई बात है जान अगर प्यार नहीं करता तो क्या तुमसे मिलने इस अँधेरी रात में इतनी दूर आता आई लव यू स्वीट हार्ट मोनिका भी आई लव यू टू बोलकर रज्जन की बाहों में रिलैक्स करने लगती है रज्जन मोबाइल देखता हुआ कहता है उफ़ ११ बज गए अब मुझे जाना होगा , मोनिका कहती है आज रात रुक जाओ न सुबह चले जाना रज्जन कहता है नहीं मरवायेगी क्या सुबह सारा गाँव देख लेगा और मेरी हड्डी पसली एक कर देगा मेरी हड्डी का कचूमर सड़क पर बिखरा पड़ा मिलेगा और हाँ सुबह शॉप खोलनी है , मोनिका कहती है बस एक राउंड और एक बार पुनः रज्जन को अपने ऊपर खींच लेती है लगातार चौथे राउंड के कारण रज्जन की परफॉरमेंस थोड़ा वीक पड़ जाती है , मोनिका कहती है सच बताओ तुम अंजू के पास गए थे न , रज्जन मुस्कुराता हुआ कहता है नहीं पगली पिछले महीने वायरल हो गया था न बस उसी वजह से परफॉरमेंस थोड़ा कमज़ोर पड़ गयी है , मोनिका कहती है पहले तो तुम ५ पांच राउंड तक नहीं थकते थे , गुटका सिगरेट बंद कर दो नहीं तो नपुंसक हो जाओगे , रज्जन कहता है अब नहीं खाऊँगा गुटका तेरी कसम , मोनिका पैंट की जेब से गुटखा निकाल कर दूर फेंक देती है रज्जन दौड़कर गुटखा उठाता है और अपनी जेब में डालता है और कहता है यही तो सहारा है ठण्ड में रात काटने का इसे भी तुम फेंक रही हो , और मोनिका को एक बार पुनः गले लगा देता है मोनिका रज्जन की आँखों में शरारत भरी नज़र से देखती है और कहती है पैसे बहुत है मेरे पास प्लीज़ तुम कभी मुझे धोखा मत देना ,

रज्जन कहता है कैसी बात करती हो पगली तुम मेरे बारे ऐसा सोच भी कैसे सकती हो , और बाय बोलता हुआ गाड़ी स्टार्ट

कर देता है , दोनों एक दूसरे को शरारत भरी नज़र से देखते हैं , और इसी के साथ रज्जन गाडी आगे बढ़ा देता है लग भग २०० मीटर के बाद रज्जन एक बार फिर गाडी रोकता है और सिगरेट जलाता है तभी उसे ऐसा लगता है जैसे कोई लम्बा चौड़ा लगभग ६ फीट का आदमी उसकी तरफ आ रहा है इसके बाद रज्जन पुनः बाइक चलाना सुरु कर देता है , मगर कोहरे की वजह से गाड़ी ज़्यादा तेज़ नहीं चला पाता है , और पल भर में वो आदमी बाइक के आगे आगे चलना सुरु कर देता है , बाइक से आदमी की दूरी लग भग १५ फ़ीट की रहती है , रज्जन बाइक का हॉर्न बजाता है, मगर वो आदमी ज़रा सा भी नहीं हिलता है , रज्जन दाएं से बाइक निकलने की कोशिश करता है वो आदमी दाएं तरफ आजाता है , रज्जन पुनः बाएं से बाइक निकालने की कोशिश करता है वो आदमी बाएं तरफ आ जाता है , रज्जन उसके ज़्याद करीब भी बाइक ले जाने से डरता है क्यों उस आदमी के पास लगभग ६ फ़ीट का लम्बा डंडा था , जो अगर वो आदमी एक बार भी घुमा देता तो तो रज्जन बाइक सहित वहीँ पर ढेर हो जाता , उस आदमी की रास्ते में दाएं बाएं जाने की रफ़्तार से रज्जन समझ जाता है की ये आदमी नहीं भूत है रज्जन लगभग ३ किलो मीटर तक उस आदमी के पीछे पीछे धीरे धीरे चलता रहता है , तभी नदी का पुल आता है और मोड़ पर रास्ता चौड़ा पाकर रज्जन बाइक रफ़्तार के साथ वहाँ से दौड़ा देता है वो आदमी रज्जन को घूरता हुआ बोलता है आज तो बच गया मादर,,,,,, रज्जन उसकी तरफ मुड़ कर देखता है वो आदमी नदी में छलांग देता है , गाड़ी लग भग ८० की रफ़्तार में सीधा रीवा पहुंचकर रूकती है , रज्जन आनन् फानन में बाइक घर के अंदर रखता है , और बेड पर लेटकर फ़ौरन मोनिका को फोन लगाता है , मोनिका पूछती है पहुंच गए जान रज्जन कहता है जान गया तेल लेने तू एक बात बता तेरे गाँव में कोई लम्बा चौड़ा आदमी अभी मरा है क्या , मोनिका कहती है मेरे पापा की पिछले महीने ही मौत हुयी है वो फ़ौज में थे उनकी हाइट ६ फ़ीट थी नदी के पास ही चिता है उनकी रज्जन पूछता है मरने के बाद गाँव में कभी किसी को दिखे हैं के मोनिका कहती है हाँ कई लोगों को रात में दिख चुके हैं जिस रास्ते से तुम आये हो उसी रास्ते में अक्सर उनकी आत्मा घूमती हुयी मिल जाती है लोगों को , रज्जन कहता है आज बचा दिया तेरे बाप ने वरना दामाद का जनाज़ा निकल जाता , और फोन काट देता है और तुरंत अंजू और मोनिका का नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल देता है , और कहता है मादर ,,,,, आज से बाण सागर वाली मोहब्बत खत्म अब सिर्फ रीवा वाली मोहब्बत पर कंसन्ट्रेट किया जायेगा मोबाइल में रात के ३:३० बज चुके थे रज्जन रजाई सर तक ढांक के सीधा सोता है तो दोपहर १२ बजे उठता है ,
शाम का वक़्त है रज्जन अलाव के पास बैठा अकेला आग ताप रहा है की तभी रमेश भी वहाँ आbजाता है और पूछता है और बात भाई कल रात कैसी गुज़री रज्जन गाली देता हुआ कहता है मत पूछ ससुर जी कल दामाद की अर्थी ही निकाल दिए होते बस किसी तरह जान बचा के भागा हूँ वहाँ से , और सारी घटमा विस्तार से बातीने में लग जाता है , इसी के साथ कैमरा ज़ूम आउट हो कर आसमान के बादलों में खो जाता है।

pics taken by google ,