दिल ए फ़ितना ज़माने भर में गुनहगार सही dard shayari,

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दिल ए फ़ितना ज़माने भर में गुनहगार सही dard shayari,
दिल ए फ़ितना ज़माने भर में गुनहगार सही dard shayari,

दिल ए फ़ितना ज़माने भर में गुनहगार सही dard shayari,

दिल ए फ़ितना ज़माने भर में गुनहगार सही ,

गोया इबादत ए इश्क़ से पाकीज़ाह ज़माने दूजा कोई काम नहीं ।

 

तेरी क़ाफ़िर निगाहों ने यूँ शब् ए बज़्म में कोहराम मचा रखा है ,

गोया उस पर तेरी फितना अदाओं को लफ्जों में उतारूँ कैसे ।

 

कभी तो हँस के मिलो कभी तो मुलाक़ात हो ,

लुत्फ़ आ जाये अंजुमन में गुंचा ए गुल को एक साथ चाँद रात हो ।

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जश्न ए फितरत के शौक़ से सुरखाब ख्याली में घोड़ी चढ़ गया ,

गुल खिला ऐसा की गुंचा ए अंजुमन में हर गुल का मामा बन गया ।

 

मच्छरों ने शहनाई बजाई दूल्हा घोड़ी चढ़ गया ,

हो गया डेंगू वहीँ पे फेरों से पहले मर गया ।

 

रातों को खोये थे गुमनाम राहों में उनके ,

एक मच्छर सुरखाब ख्याली को ऑल आउट कर गया ।

 

फ़िज़ाओं में जो फितना गीरी थी ,

गोया कदम भी क्या बहकते हैं अब इस उम्र ए दराज़ में ।

 

यूँ लरज़ते कदमो से तेरे कूचे पर निकल आया हूँ ,

गोया इस नशीली शाम में दिल ए फितना को बहलाऊँ कैसे ।

 

तेरी फ़ितना सी अदाओं पर क़ायल दिल घायल है ,

गोया कौन सम्हाले इसे गुमनाम ही मरने दो ।

 

ज़मीं दोह रूहों को सुकून भारी है ,

तेरा जनाज़ा मेरी मैय्यत से लाख शानदार सही ।

 

गुज़र गए वो लम्हे जो मेरे अपने थे ,

यूँ टुकड़ों में जीना भी कोई जीना है ।

 

हम जब भी गुज़रे उनके कूचे से नाशिर उन्ही का नाम लिए ,

जाने कौन से गिले शिकवे थे आँख मिलते ही हमसे मुँह फेर लिए ।

 

बेज़ुबानी में सदके के शौक़ीन यहाँ ,

गोया मासूमो के क़हक़शाँ का ज़माने भर में तलबग़ार नहीं ।

 

सुकून ए रूह तो ज़मीन ए खाकसारी है ,

तेरा जनाज़ा मेरे जनाज़े से लाख बेहतर ही सही ।

love shayari 

अपने वादों पर नमक मत डालो ,

मेरे छाले फीके ही बड़े अच्छे हैं

pix taken by google